कश्मीर पर मलेशिया के रूख से भारत नाराज, बढ सकता है दोनों देशों में तनाव

यूएन में तुर्की और मलेशिया ने कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया है।
कश्मीर पर मलेशिया के रूख से भारत नाराज, बढ सकता है दोनों देशों में तनाव

न्यूज – इमरान ख़ान पिछले साल अगस्त में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और नवंबर में मलेशिया के दौरे पर गए, इमरान ख़ान से तीन महीने पहले 2018 में ही 92 साल के महातिर मोहम्मद फिर से मलेशिया के प्रधानमंत्री बने थे, इमरान और महातिर के चुनावी कैंपेन में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा था। इसके साथ ही दोनों देशों पर चीन का क़र्ज़ भी बेशुमार बढ़ रहा था,

इमरान ख़ान के दौरे पर महातिर ने पाकिस्तान को ऊर्जा सुरक्षा में मदद करने की प्रतिबद्धता जताई थी. पाँच अगस्त को जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को ख़त्म करने की घोषणा की तो महातिर उन राष्ट्र प्रमुखों में शामिल थे जिन्हें इमरान ख़ान ने फ़ोन कर समर्थन मांगा और समर्थन मिला भी।

जब कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में गया तब भी मलेशिया पाकिस्तान के साथ था, यहां तक पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भी मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत को घेरा, भारत के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था।

भारत में खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में पाम तेल का हिस्सा दो तिहाई है, भारत हर साल 90 लाख टन पाम तेल आयात करता है और मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से होता है,

2019 के पहले नौ महीनों में भारत ने मलेशिया से 30.9 लाख टन पाम तेल का आयात किया। मलेशियाई पाम ऑइल बोर्ड के डेटा के अनुसार भारत का मलेशिया से मासिक आयात चार लाख 33 हज़ार टन है।

भारत खाने में इस्तेमाल होने वाले तेलों का सबसे बड़ा आयातक देश है, भारत के रुख़ को देखते हुए मलेशिया के प्रधानमंत्री ने रविवार को कहा था कि भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों की समीक्षा की जाएगी, उन्होंने कहा था कि भारत भी मलेशिया में निर्यात करता है और दोनों के कारोबारी रिश्ते द्विपक्षीय हैं न कि एकतरफ़ा,

महातिर जब तक सत्ता में रहे तब तक पाकिस्तान से संबंध अच्छा रहा है. 2003 में उनके रिटायर होने के बाद भारत से मलेशिया की क़रीबी बढ़ी थी, पिछले साल जब एक फिर से महातिर की हैरान करने वाली वापसी हुई तो फिर से पाकिस्तान से क़रीबी बढ़ी।

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