नई दिल्ली – भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि ईरान ने कुछ दिनों पहले ज़ब्त किए तेल टैंकर एमटी रियाह में मौजूद 12 में से 9 भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया है।
ईरान के रिवॉल्युशनरी गार्ड्स ने इस तेल टैंकर को जुलाई माह के शुरुआती दिनों में अपने क़ब्ज़े में लिया था। ईरान सरकार ने एमटी रियाह पर प्रतिबंधित ईंधन की तस्करी करने का आरोप लगाया है।
बीते कुछ दिनों से होर्मूज़ की खाड़ी में तेल टैंकरों के आवागमन पर ईरान के अमरीका और ब्रिटेन के साथ रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। ईरान इसी क्षेत्र में ब्रिटेन के झंडे वाले एक जहाज़ स्टेना इम्पेरो को उसके 23 सदस्यीय चालक दल के साथ ज़ब्त कर चुका है। ब्रितानी तेल टैंकर स्टेना इम्पेरो के पकड़े जाने के बाद ब्रिटेन और ईरान के बीच संबंधों में तनाव बढ़ता हुआ दिख रहा है। ब्रितानी विदेश मंत्री जेरेमी हंट ने ईरान से जहाज़ को तत्काल रिहा करने के लिए कहा था और ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।
हालांकि, ईरान ने अब तक स्टेना इम्पेरो और उसके चालक दल को रिहा नहीं किया है। इसके बाद ब्रितानी सरकार ने ब्रिटेन के झंडे वाले टैंकरों को होर्मूज़ की खाड़ी से गुजरते हुए रॉयल नेवी की ओर से सुरक्षा प्रदान किए जाने का फ़ैसला किया है। ब्रितानी सरकार ने सभी जहाज़ों के मालिकों को इस बारे में सूचना देते हुए अपने जहाज़ों के रास्तों की जानकारी देने का निर्देश दिया है। ईरान और अमरीका के बीच हालिया तनाव उस वक़्त पैदा हुआ जब राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अलग होने का फ़ैसला किया था।
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इस समझौते पर 2015 में संयुक्त राष्ट्र समेत अमरीका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने हस्ताक्षर किए थे। समझौते में तय पाया गया था कि ईरान अपने परमाणु समझौते को कम करेगा और सिर्फ़ तीन फ़ीसदी यूरेनियम का इस्तेमाल कर सकेगा। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की ओर से परमाणु समझौते से अलग होने और पाबंदियों की बहाली के ऐलान में ईरान ने यूरेनियम संवर्धन में बढ़ोतरी की थी। ये यूरेनियम परमाणु बिजली घरों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होता है लेकिन इसे परमाणु बमों की तैयारी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.