डेस्क न्यूज – आज दुनिया भर में अर्न्तराष्ट्रीय टाइगर दिवस मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार बाघों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने और सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस प्रति वर्ष 29 जुलाई को मनाया जाता है| इस दिन को मनाने का मकसद लोगो के बीच बाघों की प्रजाति जो धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है उनको बचाने के लिए जागरूक करना है।
हालाकि दुनिया के मुकाबले भारत में बाघों के संरक्षण और उसकी देखभाल पर काफी ध्यान दिया जा रहा है और उम्मीद ये भी जताई है कि साल 2022 तक भारत में बाघों की जनसंख्या दोगुनी हो जाएगी।
टाइगर भारत का राष्ट्रीय जानवर है| आज के समय में पूरे विश्व में 1 लाख के करीब बाघ है जो दिन प्रतिदिन घटते जा रहे है। इस जीव के विलुप्त होने का मुख्य कारण मनुष्य है|
टाइगर्स को उसकी शक्ति, और ताकत के कारण भारत का राष्ट्रीय पशु चुना गया है। यह अपने जंगल का राजा और रॉयल बंगाल टाइगर के जैसे नामों से भी प्रसिद्ध है।
टाइगर्स को बचाने के लिए भारत में 1973 में एक योजना चलाई गई जिसका मकसद भारत में बाघों की संख्या को बनाए रखने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए था। यह योजना देश में बचे हुए बाघों को सुरक्षित करने के साथ ही उनकी प्रजाति में प्रजनन के माध्यम से संख्या में वृद्धि करने पर केन्द्रित है। पूरे देश में बाघों की सुरक्षा और प्राकृतिक वातावरण प्रदान करने के लिए लगभग 23 बाघ अभ्यारणों को बनाया गया है।
इस योजना के बाद, 1993 में हुई जनगणना में, बाघों की संख्या में सूधार भी देखने को मिला। भारत में बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन, इस योजना में खर्च किए गए धन की तुलना में देश में बाघों की संख्या अभी भी संतोषजनक नहीं है।
प्नधानमंत्री मोदी ने आज अर्न्तराष्ट्रीय टाइगर्स दिवस के मौके पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में कहा भारत में टाइगर्स की संख्या 3 हजार तक पहुंची है, हमें गर्व है कि हम उनके सबसे सुरक्षित निवास स्थानों में से एक है।
वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन सोसायटी ऑफ इंडिया ने सोमवार को चौथा टाइगर सेंसस जारी किया। इससे पहले 2006 में भारत में टाइगर्स की संख्या 1411 थी जो 2010 में बढ़कर 1706 हो गई थी।
2014 के आंकडो के मुताबिक भारत में टाइगर्स की संख्या 2226 थी जो ताजा आंकडों में 3000 हो गई है।