डेस्क न्यूज – बंजर थी जमीन और ख़्वाब कहीं खो गए, दर्क ठोकर खाकर वो यूँ बड़े हो गए, खालिश में जीना किसे कहते है ये पूछिये उनसे, जिस गरीब के बच्चे आज रात फिर भूखे सो गए और हम हिन्दू-मुस्लिम ही हो के रह गये।
फुड डिलवरी करने वाली ऑनलाइन कंपनी Zomato को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है। एक कस्टमर ने अपना ऑनलाइन फूड का ऑर्डर सिर्फ इस वजह से कैंसिल कर दिया था क्योंकि उसकी डिलीवरी करने वाला लड़का मुस्लमान था। यही वजह बताते हुए उसने ऑर्डर कैंसल कर पैसा वापस करने की मांग की।
लेकिन कंपनी को ऑर्डर कैंसल के लिए यह वजह पंसद नहीं आयी और पैसा वापस करने से मना कर दिया गया। इस पर कस्टमर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी यूजर्स को दी।
बस फिर क्या था शुरू हो गया ट्वीटर पर खेल…
जिस युवक ने ऑनलाइन खाना ऑर्डर किया उसका नाम पण्डित अमित शुक्ला है। उसने ट्वीटर पर लिखा, zomato ने मेरा ऑर्डर रद्द कर दिया। उन्होंने मेरे फुड ऑर्डर को डिलवर करने के लिए एक गैर हिंदू को भेजा था। zomato ने कहा कि वे डिलवरी बॉय को बदल नहीं सकते हैं और रद्द करने पर धन वापसी नहीं कर सकते।
इस पर zomota ने रिट्वीट करते हुए कहा कि भोजन का कोई धर्म नहीं है।
इस पर रिप्लाई करते हुए ज्योती नाम के एक लडके ने लिखा कि आप कैसे कह सकते है कि खाने का धर्म नहीं होता, हिंदु धर्म का खाना अलग होता है और मुस्लिम धर्म का खाना अलग…ये क्या है।
एक अन्य यूजर यकीन शाह ने कहा कि यदि भोजन में कोई धर्म नहीं होता तो फिर आप हलाल भोजन क्यों प्रदान करते है। मुंबई में भी कुछ मुस्लिमों ने प्रसाद में जहर देने की योजना बनाई। कौन जानता है कि आपका कर्मचारी जिहादी हो सकता है, रोकथाम इलाज से बेहतर है।
हालाकि कई युजर्स ने जोमेटो की तारीफ भी की
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जोमेटो के फाउंडर दीपेंद्र गौयल ने कहा कि हमें भारत के विचारों पर गर्व है और हम हमारे सम्मानित ग्राहकों की अलग-अलग विचारधारा का सम्मान करते है। लेकिन हम बिजनेस में ऐसे विचार नही रखते। हमें खेद है…
11 साल पहले दिल्ली में लॉन्च किया गया जोमाटो एक होम प्रोजेक्ट से बढ़कर दुनिया के सबसे बड़े फूड एग्रीगेटर्स में से एक बन गया है। ये भारत सहित 24 देशों और 10 हजार से अधिक शहरों में विश्व स्तर पर मौजूद हैं..