डेस्क न्यूज़- नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना ने उठाए सवाल शिवसेना ने मोदी सरकार को विधेयक मेंसंशोधन का प्रस्ताव दिया है, शिवसेना ने अपने मुखपत्र में लिखा, क्या यह विधेयक वोट बैंक की पॉलिटिक्स के लिए ये बिल पास किया जा रहा है, हम मानते हैं कि हिंदुओं के पास भारत के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है, लेकिन अगर वोट बैंक के लिए नागरिकता बिल को पास करने की कोशिश की जा रही है तो यह देश के लिए ठीक नहीं है साथ ही कहा की 25 सालों तक मतदान का अधिकार भी ना दे
शिवसेना ने लिखा है कि दूसरे देशों में जुल्म झेल रहे हिन्दुओं, इसाइयों, सिखों, पारसी और जैन को नागरिकता देने के बजाय अमित शाह और नरेंद्र मोदी को अपनी सख्त छवि का इस्तेमाल करते हुए इन देशों की सरकारों से बात करनी चाहिए और वहां पर हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकना चाहिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को इन दो में से एक उपायों को अपनाना चाहिए राष्ट्रीय हित में काम करना चाहिए,
क्या भारत में कम समस्या है
सामना में लिखा गया है कि क्या भारत में कम समस्या है जो हम दूसरे देश के लोगों की समस्याएं ले रहे हैं, देश की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और ऐसे हालत में सरकार दूसरे देश के लोगों को भारत की नागरिकता दे रही है, अब ये समझना जरूरी है कि ये कितना राष्ट्रीय हित का मामला है और कितना वोट बैंक पॉलिटिक्स का है सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि ये सच है कि इस्लामिक देशों में हिन्दुओं के साथ अन्याय हो रहा है उन्हें द्वितीय श्रेणी का नागरिक माना जा रहा है, इसलिए हिन्दुओं को भारत में शरण लेने की जरूरत पड़ रही है,
शिवसेना ने कश्मीरी पंडितों का भी उठाया मुद्दा
शिवसेना ने लिखा कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में लाने के लिए सरकार कुछ कर रही है या नहीं, शिवसेना ने कश्मीरी पंडितों का भी मुद्दा उठाया और "सामना" के संपादकीय में लिखा गया है कि सरकार इसके बारे में भी कुछ सोच रही है या नहीं,