नये हिंदू राष्ट्र के मालिक नित्यानंद की पूरी कहानी….
न्यूज – दुष्कर्म के आरोपों में फरार और भारत से भाग चुके विवादों में घिरे स्वयंभू बाबा नित्यानंद के बारे में अब खबर आई है कि उसने दक्षिण अमेरिकी महाद्विप में त्रिनिदाद-टोबैगो और इक्वाडोर के पास एक द्वीप पर अपना नया देश बसा लिया है। जानकारी के मुताबिक उसने इस देश का नाम कैलासा रखा है।
नित्यानंद ने इस नए देश की वेबसाइट भी बनाई है। इस वेबसाइट पर दावा किया गया है, कि कैलासा बिना सीमाओं का देश है जिसे दुनियाभर से बेदखल हिंदुओं ने बसाया है। वेबसाइट पर कैलासा को महानतम हिंदू राष्ट्र बताया गया है।
कर्नाटक में दर्ज दुष्कर्म के एक मामले में नित्यानंद आरोपी है। नित्यानंद पर आरोप है कि अपना आश्रम चलाने के लिए बच्चों का अपहरण कर उन्हें श्रद्धालुओं से चंदा जुटाने के लिए मजबूर करता था। पुलिस इस मामले में उसके दो अनुयायियों को भी गिरफ्तार कर चुकी है। बता दें कि गुजरात पुलिस ने बीती 21 नवंबर को बताया था कि नित्यानंद देश छोड़कर भाग गया है। वह नेपाल के रास्ते इक्वाडोर भागा था। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
नित्यानंद कौन है और एक आध्यात्मिक गुरू बनने की चाह में घर से निकला इंसान दैत्य कैसे बन गया। आज हम आपको इस स्पेशल रिपोर्ट में बताएगें।
गुजरात के अपने एक आश्रम में बच्चों को 'कैद' करके विवादों में आए स्वयंभू स्वामी नित्यानंद लापता हैं। गुजरात पुलिस का दावा है। कि नित्यानंद नेपाल के रास्ते विदेश भाग गए हैं। उनके साथ 19 वर्षीय लड़की भी नेपाल भाग है। अब खबर ये आयी है कि साउथ अमेरिका के एक द्वीप को अपना घर बना लिया है, साथ ही उसे देश भी घोषित कर दिया है। नित्यानंद ने इस नए देश की वेबसाइट भी बनाई है। इस वेबसाइट पर दावा किया गया है, कि कैलासा बिना सीमाओं का देश है जिसे दुनियाभर से बेदखल हिंदुओं ने बसाया है। वेबसाइट पर कैलासा को महानतम हिंदू राष्ट्र बताया गया है।
आइए जानते हैं कि कौन हैं खूबसूरत महिलाओं को अपने भक्ति के 'जाल' में फंसाने वाले ये स्वामी नित्यानंद… और कैसी है उसकी दुनिया….
रेप और अपहरण के आरोपी नित्यानंद अपने भक्तों के लिए भगवान की तरह थे जिनका भरोसा उन्होंने तोड़ दिया है। उधर, जिन लोगों ने नित्यानंद के गायों को संस्कृत बुलवाने के दावे वाले वायरल विडियो देखे हैं, उनके लिए वह विलेन की तरह हैं। हालांकि पिछले कई वर्षों में उनको मिली लोकप्रियता के पीछे छिपे राज के बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है।
नित्यनांद के बचपन का नाम ए राजेशेखरन था और उनका जन्म वर्ष 1977 में तिरुवन्नमलाई में हुआ था। कुछ लोगों नित्यनांद का जन्म वर्ष 1978 होने का दावा करते है। तिरुवन्नमलाई यह भगवान अरुनाचलेश्वर का आध्यात्मिक कस्बा है। यही पर नित्यानंद ने पढ़ाई भी की थी। घर के बाद कई आश्रमों में रहने के बाद वह योगी बन गए। इसके बाद नित्यनांद ने आध्यात्म का रुख किया। दावा किया जाता है कि पढ़ाई के दौरान एक ज्योतिषी ने उनको कहा था कि वह आध्यात्म के उच्चतम शिखर पर पहुंचेंगे।
इसके बाद राजशेखरन उर्फ नित्यानंद चेन्नई के रामकृष्ण मठ पहुंचे और संन्यास लेना चाह रहे थे, लेकिन इसमें उन्हें काफी समय लग रहा था। उन्होंने जल्दी दीक्षा लेनी चाहा लेकिन मठ ने मना कर दिया। इसके बाद नित्यानंद ने मठ छोड़ दिया। वह कई वर्षो तक उत्तर भारत के आश्रमों और मठों में विचरण करते रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी आध्यात्म की समझ और संवाद कला को निखारने पर फोकस किया। वर्ष 1990 के आसपास तमिलनाडु लौट गया।
नित्यानंद ने इरोड के पास अपना मठ बनाया। इसके बाद वह तमिल लेखक वालमपुरी जॉन के संपर्क में आए और लेख लिखना शुरू कर दिया। माना जाता है कि यह लेख उनके किसी चेले ने लिखे ताकि स्वामी नित्यानंद की ब्रैंडिंग की जा सके। इसके बाद स्वामी नित्यानंद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तमिलनाडु में ही उनके 15 आश्रम बन गए। बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने उन्हें जमीन मुफ्त में दे दी। नित्यानंद ने अन्य राज्यों में भी अपना आश्रम बनाना शुरू कर दिया।
पैसा और प्रसिद्धि बढ़ने के साथ ही उनके सेवकों में कई दुश्मन भी पैदा हो गए। उसमें से एक ने उनके बेडरूम में कैमरा लगा दिया। इसके बाद वर्ष 2010 में एक ऐक्ट्रेस के साथ उनका सेक्स टेप वायरल हो गया। वर्ष 2012 में उनकी एक भक्त ने रेप का आरोप लगाया। नित्यानंद ने दावा किया कि वह नपुसंक हैं लेकिन जांच में वह गलत साबित हुए। नित्यानंद को जानने वाले एक विशेषज्ञ ने कहा कि नित्यानंद के आश्रम में भक्तों के लिए बनाए कोर्स सुनियोजित तरीके से बनाए गए थे।
उन्होंने बताया कि भक्तों का ब्रेनवॉश किया जाता था। यही नहीं खूबसूरत महिलाओं को नित्यानंद के साथ सोने के लिए सहमत करने हेतु विशेष कोर्स डिजाइन किए गए थे। इन महिलाओं से कहा जाता था कि नित्यानंद के साथ सोने का धार्मिक महत्व है। ऐसी भी चर्चा है कि नित्यनांद अपने महिला भक्तों से एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन कराते थे जिसमें कहा जाता था कि महिलाएं अपने स्वामी के साथ 'यौन दीक्षा' ले रही हैं।
नित्यानंद के अहमदाबाद आश्रम की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि आश्रम के अंदर 6 विदेशी हेयर ड्रेसर और मेकअप आर्टिस्ट थे जो रात 3 बजे होने वाली रासलीला के लिए गोपिका और शिव की तरह से सजाते थे। नित्यानंद के प्रभाव का असर यह था कि सेक्स टेप आने के बाद भी उन्होंने शैव समाज का नेतृत्व करने मदुरई के पुजारी को अपना उत्तराधिकारी बनाने के लिए सहमत कर लिया था।
नित्यानंद ने एक समय दावा किया था कि वह जल्द ही शेर, बाघ, बंदर और गाय बनाएंगे। लेकिन ये लोग अपने भक्तों को ज्ञान देने के चक्कर में उनका शोषण करते है। और यहीं सच है क्योंकि हालही के वर्षों में कई ऐसे मामलें सामने आये है। जिनके भक्तों ने खुद सामने आकर इन ढोंगी बाबाओं की पोल खोली ही।
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