न्यूज़ – प्रदेश सरकार ने विकास परियोजना लिए बाजार से एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले लिया है। इसे मिलाकर अब तक सरकार 21 हजार 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज ले चुकी है। इस बार कर्ज 15 साल के लिए लिया गया है।
अब कर्ज एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा
मार्च 2019 की स्थिति में प्रदेश के ऊपर कर्ज एक लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसमें मार्च के बाद लिए कर्ज को और शामिल कर लिया जाए तो यह राशि दो लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना जताई जा रही है।
नौ मार्च को बाजार से एक हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की थी
सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग ने नौ मार्च को बाजार से एक हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की थी। राशि सरकार को बुधवार को मिली। बताया जा रहा है कि वित्तीय संकट के चलते निर्माण विभाग ठेकेदारों का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। विकास परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
इसके मद्देनजर वित्त विभाग ने एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 15 साल (11 मार्च 2035) के लिए एक हजार करोड़ रुपये कर्ज लिया है। इसे मिलाकर सरकार 21 हजार 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज जनवरी 2019 से अभी तक ले चुकी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम के तहत सरकार राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का साढ़े तीन फीसदी तक कर्ज ले सकती है। अभी प्रदेश इस सीमा के भीतर है।