#Maharashtra – शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हो सकते है सीएम, अजीत पवार डिप्टी सीएम

सुत्रों के हवाले से खबर, शिवसेना के केंद्र में मंत्री अरविंद सांवत देंगे इस्तीफा
#Maharashtra – शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे हो सकते है सीएम, अजीत पवार डिप्टी सीएम

न्यूज – महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का परिणाम दिवाली से पहले आ गया। चुनाव परिणामों के 19 दिन बाद भी महाराष्ट्र में सरकार को लेकर पेच फंसा हुआ है। शिवसेना को मुख्यमंत्री पद से कुछ मंजूर नहीं है। जबकि बीजेपी सीएम पद छोडना नहीं चाहती। विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा था।

23 अक्टूबर को आये नतीजों में बीजेपी को 105 और शिवसेना को 56 सीटें मिले थी। जबकि एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली थी।ऐसे में बीजेपी को बहुमत तक पहुचने के लिए जोर आजमाइश करना पड रहा, शरद पवार की एनसीपी और काग्रेस बीजेपी और शिवसेना की विचारधारा से मेल नही खाते शायद यही कारण है कि दोनों पाटियां एक-दुसरे का इंतजार कर रही है।

शिवसेना का दावा है कि बीजेपी के साथ उसका फिफ्टी-फिफ्टी फार्मूला चुनावों से पहले का है जो बीजेपी मानने को तैयार नहीं, बीजेपी सीटों के लिहाज से जरूर सबसे पडी पाटि है लेकिन सीएम पर जो बात हुई है उस पर उन्हें पलटना नहीं चाहिए।

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में आज भी राजनीतिक परिस्थिति पैदा हुई है, वह बीजेपी के अहंकार और सीएम पद साझा नहीं करने के इनकार के कारण है। बीजेपी '50:50′ का फॉर्मूला नहीं अपनाकर जनादेश का अपमान कर रही है।'

शिवसेना नेता सजय राउत ने कहा कि , 'ये बीजेपी का अहंकार है कि वे महाराष्ट्र में सरकार बनाने से मना कर रहे हैं। ये महाराष्ट्र के लोगों का अपमान है। वे विपक्ष में बैठने को तैयार हैं लेकिन 50-50 फॉर्मूले को मानने से इनकार कर रही है, जो उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था।'

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से शिवसेना को सरकार बनाने को लेकर मिले न्योते पर संजय राउत ने कहा, 'ये अच्छा होता अगर राज्यपाल ने हमें थोड़ा समय और दिया होता। बीजेपी को 72 घंटे का समय मिला, हमें कम समय मिला। ये बीजेपी की राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की रणनीति है।'

महाराष्ट्र में शिवसेना के एनसीपी के साथ सरकार बनाने की अटकलों के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। माना जा रहा कि एनसीपी की ओर से रखी गई शर्त के बाद शिवसेना की ओर से ये कदम उठाया गया है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि शिवसेना विधायक सोमवार को  राज्यपाल से मिल सकते हैं।

एनसीपी ने प्रस्ताव रखा था कि अगर शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी के साथ आना है तो सबसे पहले केंद्र के मोदी सरकार से नाता तोड़ना होगा। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास 56 विधायक हैं जबकि सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। किसी भी पार्टी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों की जरूरत है।

ऐसे में अगर एनसीपी और कांग्रेस का साथ मिलता है शिनसेना सरकार बना सकती है। कांग्रेस के 44 विधायक और एनसीपी के 54 विधायक से कुल 98 विधायक हैं। शिवसेना अगर विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तब भी उसके पास कुल 154 विधायक होंगे जो बहुमत से ज्यादा हो जाएगें और शिवसेना सरकार बना सकती है।

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