अब होम एयरकंडीशनरों में अब डिफॉल्ट तापमान रहेगा 24°C: बीईई

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने बताया है कि कमरे के एयरकंडीशनरों (एसी) में अब डिफॉल्ट (पहले से सेट) तापमान 24°C रहेगा यानी एसी ऑन करने पर उसका तापमान 24°C रहेगा। केंद्र सरकार ने बीईई से सलाह के बाद इसे लेकर 30 अक्टूबर 2019 को ही अधिसूचना जारी कर दी थी। नए नियम 1 जनवरी 2020 से प्रभावी हो गए हैं।
अब होम एयरकंडीशनरों में अब डिफॉल्ट तापमान रहेगा 24°C: बीईई

डेस्क न्यूज़ बिजली बचत के नियम तय करने वाली एजेंसी ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने सोमवार को कहा कि कमरे के एयरकंडीशनरों (एसी) का डिफॉल्ट (अपने आप में तय) तापमान अब 24 डिग्री सेल्सियस होगा।

इसका मतलब है कि कमरे का तापमान 24 डिग्री रखने के हिसाब से ही एसी चलेगा। हां, व्यक्ति जरूरत के हिसाब से इसे ऊपर नीचे कर सकता है।

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, सरकार ने बीईई के साथ परामर्श कर कमरे के एसी के लिए ऊर्जा बचत के मानक 30 अक्टूबर, 2019 को ही अधिसूचित कर दिए थे।

इसके अनुसार, विनिर्माताओं को कमरे के एयर कंडीशनर में तापमान की सेटिंग 24 डिग्री सेल्सियस पर रखनी अनिर्वाय होगी।

नए मानकों के अनुसार भारतीय सीजनल ऊर्जा दक्षता अनुपात (आईएसईईआर) स्प्लिट एयर कंडीशनरों के लिए (3.30 से 5.00) और विंडो एयर कंडीशनर के लिए (2.70 से 3.50) तक होगा। इसके अलावा, इस अधिसूचना के द्वारा बीईई स्टारलेबलिंग कार्यक्रम के दायरे में आने वाले सभी रूम एयर कंडीशनरों के लिए 24 डिग्री सेल्सियस डिफॉल्ट सेटिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।

तापमान की डिफॉल्ट 24 डिग्री सेल्सियस की सेटिंग को छोड़कर बाकी कार्य प्रदर्शन मानक एक जनवरी, 2021 से लागू होंगे।

अधिसूचना के अनुसार, स्‍टार लेबल वाले सभी ब्रांड और सभी प्रकार के रूम एयर कंडीशनरों अर्थात मल्टीस्टेज कैपेसिटी एयर कंडीशनर, यूनिट्री एयर कंडीशनर और स्प्लिट एयर कंडीशनरों को 10,465 वॉट (9,000 किलो कैलोरी/घंटा) की कूलिंग क्षमता तक की आपेक्षित ऊर्जा, दक्षताओं के आधार पर एक से पांच स्टार तक रेटिंग दी गई है और जिनका भारत में निर्माण किया गया है या व्यावसायिक रूप से खरीदा या बेचा गया है, वे सभी एक जनवरी, 2020 से 24 डिग्री सेल्सियस पर कमरे के एयर कंडीशनर में तापमान की डिफ़ॉल्ट सेटिंग सुनिश्चित करेंगे।

बीईई ने 2006 में स्थिर गति रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टार लेबलिंग कार्यक्रम शुरू किया था।

इसे एक जनवरी, 2018 से अनिवार्य बनाया गया था। रूम एयर कंडीशनरों के लिए बीईई स्टार लेबलिंग कार्यक्रम में अब 10,465 वॉट (2.97 टीआर) तक की कूलिंग क्षमता वाले फिक्स्ड और इन्वर्टर आरएसी दोनों ही शामिल हैं।

विज्ञप्ति के अनुसार कार्य प्रदर्शन के स्तर में लगातार वृद्धि से स्प्लिट इकाइयों के लिए न्यूनतम ऊर्जा प्रदर्शन मानकों (एमईपीएस) में लगभग 43 प्रतिशत ऊर्जा दक्षता सुधार हुआ है। ये इकाइयां बाजार में बेची जाने वाली सबसे लोकप्रिय आरएसी हैं।

मंत्रलाय के अनुसार रूम एयर कंडीशनरों (आरएसी) के लिए स्टॉर लेबलिंग कार्यक्रम ने अकेले वित्त वर्ष 2017-18 में अनुमानित 4.6 अरब यूनिट ऊर्जा बचत की है और इससे 3.8 करोड़ टन टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में मदद मिली है।

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