पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में एक बार फिर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच दल के अनुसार, बैंक के रिकॉर्ड से कुल 10.5 करोड़ रुपये नकद गायब हैं। जांच टीम ने छापे के दौरान एचडीआईएल और संबंधित कंपनियों के कई ऐसे चेक भी पाए हैं जो कभी बैंक में जमा नहीं किए गए थे। कहा जाता है कि ये चेक उन्हें जमा किए बिना नकद दिए गए थे। जांच टीम के अनुसार, यह घोटाला जितना दिखाई देता है उससे कहीं अधिक बड़ा है। अब तक की जांच के मुताबिक, पीएमसी घोटाला 6500 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है, 4355 करोड़ का नहीं।
पीएमसी बैंक के आंतरिक बैंक की जांच करने वाली टीम द्वारा प्राप्त चेक की जाँच से पता चलता है कि इन चेक द्वारा 10 करोड़ से अधिक की हेराफेरी की गई है। शेष 50 लाख रुपये का अभी तक हिसाब नहीं दिया गया है। इसके साथ, अब तक के अनुमानों के अनुसार, भले ही यह घोटाला 4355 करोड़ रुपये का लग सकता है, लेकिन यह घोटाला 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का है।
जांच से पता चलता है कि एपीडीआईएल और उससे संबंधित कंपनियां नकदी चाहती थीं। उन्होंने पिछले दो वर्षों में बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को चेक भेजे। थॉमस ने उन्हें चेक के बदले नकद दिया, लेकिन उन्हें बैंक में जमा नहीं किया। बैंक की रिकॉर्ड बुक में इन चेकों की कोई प्रविष्टि नहीं है। इस जांच से यह पता चलता है कि अब तक 10 करोड़ से ऊपर की कोई राशि ज्ञात नहीं है। थॉमस ने उसे अपने पास रख लिया था