डेस्क न्यूज़- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच चल रहे विवाद में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ओम थानवी भी कूद गए हैं। गहलोत-पायलट विवाद को लेकर ओम थानवी गहलोत का बचाव करते हुए कोटखावदा महापंचायत को लेकर सचिन पायलट पर निशाना साधा है। उन्होंने पायलट की कोटखावदा किसान महापंचायत को अनर्गल महत्वाकांक्षा का प्रदर्शन बताया हैं। कोटखावदा के किसान महापंचायत में भीड़ की तुलना राहुल गांधी की सभाओं से की जा रही थी।
थानवी ने पायलट की रैली को बताया विखंडित किसान समर्थन
ओम थानवी ने ट्वीट किया और लिखा,
“किसानों की आड़ में उसी बेचैन और अधीर महत्वाकांक्षा का प्रदर्शन। पार्टी की बैठक से पलायन।
पार्टी ही ऐसे मुद्दों पर बड़ी सभाएं आयोजित करती है, न कि व्यक्तिगत नेता। राहुल गांधी ने इस विखंडित किसान समर्थन के लिए नहीं कहा होगा। ओम थानवी के पास वर्तमान में पत्रकारिता विश्वविद्यालय कुलपति का प्रभार है, इसके अलावा एमडीएस यूनिवर्सिटी का चार्ज भी है।
राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी
विश्वविद्यालय के कुलपति ने सार्वजनिक रूप से ऐसी पार्टी के नेता पर निशाना साधा है। किसी नेता के बारे में किसी कुलपति के मुखर होने को सामान्य घटना नहीं माना जाता है।
इस मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा है। थानवी को सीएम अशोक गहलोत का करीबी माना जाता है, लेकिन आमतौर पर
शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों में उच्च पदों पर बैठे लोगों ने राजनीतिक बयानबाजी करने से परहेज किया है।
गहलोत-पायलट विवाद में कुलपति के कूदने से विवाद तय हैं
पत्रकार विश्वविद्यालय के कुलपति के सचिन पायलट पर निशाना साधने के बाद कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा नेताओं में भी चर्चा है। बीजेपी नेता इस मुद्दे पर आपत्ति करेंगे, माना जा रहा है कि एक राजनीतिक विवाद तय हो जाएगा।
विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया समेत कई भाजपा नेता पहले भी थानवी की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाते रहे हैं,
अब उन्हें थानवी को घेरने का मुद्दा मिल गया है।
पायलट समर्थको ने भी थानवी पर साधा निशाना
सचिन पायलट के समर्थकों ने ओम थानवी के ट्वीट पर नाराजगी जताई है। कई पायलट का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया यूजर्स ने भी थानवी पर निशाना साधा है। वह थानवी के खिलाफ जमकर टिप्पणी भी कर रहे है। साथ ही वह कुलपति की बयानबाजी को भी गलत बता रहे हैं।