कराची- पाकिस्तान का खर्चा चलाने के लिए भले ही अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कर्ज दे दिया हो, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संभलने का नाम नहीं ले रही। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से नए आंकड़े जारी किए गए, आंकडों के मुताबिक पाकिस्तान पर कर्ज की सीमा करीब 35 ट्रिलियन पाकिस्तानी रूपये हो गई है। जो उसके जीडीपी के लगभग बराबर है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार के लिए संकट गहराया गया है।
पाकिस्तान का कर्ज अब उसकी जीडीपी का 91.2 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2013 में पाकिस्तान के प्रत्येक नागरिक पर लगभग 96,422 पाकिस्तानी रूपये का कर्ज था, जो वर्तमान में बढ़कर 1,59,000 पाकिस्तानी रूपये हो गये।
पाकिस्तान इस समय निर्यात से दोगुना आयात कर रहा है। पाकिस्तान ने वर्ष 2018 में केवल 24 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि 60 बिलियन डॉलर का आयात किया। पाकिस्तान के पास लगभग 3 महीने के ही आयात होने वाले सामान चुकाने के पैसे बचे है।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का कर्ज दिया था। फिर भी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार डगमगा रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री इमरान खान जो पाकिस्तान की जनता से अर्थव्यवस्था को सुधारने का वादा करके आये थे, वो अब गलत साबित हो रहा है।