कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान, यूपी सरकार को नोटिस

भारत के नागरिक पूरी तरह से हैरान हैं, उन्हें नहीं पता कि क्या हो रहा है।
कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का संज्ञान, यूपी सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोविड-19 महामारी के बीच कांवड़ यात्रा की अनुमति देने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर स्वत: संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन ने केंद्र और योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई की तारीख शुक्रवार को तय की है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि बुधवार को अखबार में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश ने कांवड़ यात्रा जारी रखने का फैसला किया है जबकि उत्तराखंड ने यात्रा की अनुमति नहीं दी है।

पीठ ने कहा, "हम संबंधित सरकारों का रुख जानना चाहते हैं। भारत के नागरिक पूरी तरह से हैरान हैं, उन्हें नहीं पता कि क्या हो रहा है।"

पीठ ने जोर देकर कहा कि इस तरह के फैसले तब भी लिए जा रहे हैं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि 'हम थोड़ा भी समझौता नहीं कर सकते।'

पीठ ने कहा कि वह संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र को नोटिस जारी कर रही है, क्योंकि यात्रा 24 जुलाई से निकलने वाली है। पीठ ने कहा, "हम चाहते हैं कि वे जल्द से जल्द जवाब दाखिल करें ताकि मामले की सुनवाई शुक्रवार को हो सके।"

यात्रा पर रोक का न हो विरोध प्रतीकात्मक करें धर्म का पालन

कांवड़ यात्रा पर रोक लगने से हरिद्वार के व्यापारियों में मायूसी छा गयी है। व्यापारी कांवड़ यात्रा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर, हरकी पैड़ी की प्रबंध कार्यकारिणी संस्था श्रीगंगा सभा सहित संत समाज ने सरकार के इस निर्णय को उचित बताया है। साथ ही सभी से इसका विरोध ना करने और कोरोना नियमों का पालन करने का आह्वान किया है। श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि सरकार का निर्णय परिस्थितियों के अनुसार सही है और इसका विरोध नहीं होना चाहिए। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वह सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।

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