केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के एक बयान ने प्रदेश में सियासी संकट की अटकलों और चर्चाओं को बल दे दिया है। शेखावत ने कहा- मैं भविष्यवक्ता नहीं हूं, लेकिन यह सरकार 5 साल चलेगी तो राजस्थान की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। यह सरकार जब तक चलेगी, तब ऐसी ही चलेगी जैसी चलती आई है। मतभेद मनभेद निकलकर बाहर आ रहे हैं। यह सरकार पांच साल चली तो राजस्थान की जनता के दर्द बेइंतहा होंगे। न महिला सुरक्षित होंगी, न किसान और युवा का भला होगा। हरे तबके की परेशानी बढ़ने वाली ही है।
शेखावत ने कहा, गहलोत सरकार में मतभेद, मनभेद और वर्टिकल भेद है। यह सरकार अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। यह सरकार आपसी लड़ाई में ही फंसी है। पायलट खेमे की पिछली साल बगावत के बाद फोन टेपिंग मामले में दिल्ली में दर्ज FIR पर कार्रवाई के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि कुछ चीजों पर संशय बना रहना चाहिए।
शेखावत ने कहा, हर मामले में यह सरकार खुद को ही सर्टिफिकेट दे रही है। भीलवाड़ा मॉडल और रामगंज मॉडल के नाम पर अपनी पीठ इतनी तेजी सो थपथपाई कि पीठ में दर्द हाने लग गया। CM अशोक गहलोत ने ग्लोबल टेंडर का ड्रामा किया, जबकि पहले से पता था कि बाहर भी वैक्सीन मिलनी नहीं है। राजस्थान के CM ने तीसरी लहर में बच्चों पर खतरा बताते हुए अभी से वैक्सीनेशन का बयान दिया।
दुनिया के किसी देश ने अभी बच्चों का वैक्सीनेशन शुरु नहीं किया। CM का बयान केवल सनसनी के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने महामारी के वक्त खुद को प्रधानमंत्री के बराबर दिखाने के लिए सनसनी फैलाने वाला बयान दिया।