देशभर में गेहूं की सरकारी खरीद चालू सीजन में 337 लाख टन हुई है, जोकि सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 357 लाख टन से अभी 20 लाख टन कम है और जहां कहीं भी अभी खरीद चल रही हैं वहां इसकी रफ्तार काफी सुस्त है।
उत्तर प्रदेश को छोडक़र बाकी राज्योंं पर तकरीबन ठप पड़ चुकी है, क्योंकि किसान सरकारी एजेंसियों को अब गेहूं बेचने को नहीं आ रहे हैं। देशी शीर्ष सरकारी एजेंसी एफसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश में भी गेहंू खरीद की रफ्तार सुस्त चल रही है।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने इस सीजन में न सिर्फ पिछले साल से ज्यादा गेहूं खरीदा है, बल्कि लक्ष्य से ही ज्यादा खरीदा है। लेकिन अन्य राज्यों में गेहूं की खरीद कम होने की वजह से पूरे देश के लिए तय लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लग रहा है।
एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मौजूदा खरीद की रफ्तार को देखने के बाद लगता है कि इस साल गेहूं की कुल खरीद 340 लाख टन के आसपास ही रहेगी क्योंकि ज्यादातर जगहों पर खरीद रुक चुकी है।
उन्होंने कहा, ''गेहूं की कुल खरीद के परिमाण में जो कुछ भी इजाफा होगा वह उत्तर प्रदेश में ही होगा, लेकिन वहां भी इस साल खरीद सुस्त चल रही है।''
गौरतलब है कि आईएएनएस ने 22 मई को अपनी रिपोर्ट में इस बात पर आशंका जताई थी कि इस साल केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं होगा।