23 मई को आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले विपक्षी दलों की बैठक दिल्ली में शुरू हो चुकी है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में यह बैठक राजधानी दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में हुई जिसमें विपक्ष के कईं बड़े नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद 22 दलों के विपक्षी नेता चुनाव आयोग पहुंचे और मतगणना में वीवीपैट मशीनों के उपयोग को लेकर मेमोरेंडम दिया।
हालांकि बैठक में बड़ी पार्टियों के नेताओं में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मायावती, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी शायद गैर मौजूद रहे लेकिन उनकी जगह कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद व अन्य मौजूद हैं। बता दें कि नायडू लगातार गठबंधन की कवायदों में लगे हुए हैं। नायडू एक के बाद एक विपक्षी दलों के नेताओं से लगातार मुलाकात करते हुए नया फ्रंट बनाने की कोशिश में जुटे हैं
मतगणना के बाद गैर राजग सरकार के गठन को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच विचार-विमर्श होगा। एग्जिट पोल के रुझानों के बाद विपक्षी नेताओं के निशाने पर चुनाव आयोग और ईवीएम आ गई हैं। इस बारे में वे आयोग से मुलाकात में वीवीपैट की गिनती पर जोर देंगे।
ममता से गैर राजग सरकार पर चर्चा
विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेदेपा नेता चंद्रबाबू नायडू की भूमिका अहम है। उन्होंने सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के साथ कोलकाता में उनके सरकारी आवास में बैठक कर केंद्र में गैर राजग सरकार बनाने पर चर्चा की। ममता बनर्जी के साथ 45 मिनट की वार्ता में विपक्षी दलों के महागठबंधन की केंद्र में गैर भाजपा सरकार को लेकर गंभीर गूफ्तगू हुई, जिसमें कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों को शामिल करने पर विचार किया।