डेस्क न्यूज (एस आई) – भारतीय संविधान के आर्टिकल 15 के मुताबिक आप किसी भी व्यक्ति से धर्म, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेद–भाव नहीं कर सकते हैं और सही भी तो है हम थोडें ना इंसान बनाते है।
इसी को लेकर बनी फिल्म आर्टिकल 15 आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अनुभव सिन्हा की ये फिल्म समाज की सत्य घटनाओं पर आधारित है। फिल्म में आयुष्मान खुराना एक आईपीएस अफसर अयान रंजन के किरदार में नजर आये।
जो हर तरफ जातिवाद और भेदभाव से घिरे लोगों के बीच उलझन में रहता है। आयुष्मान खुराना का इस फिल्म में रोल एक परफेक्ट रोल है जो शायद ही कोई ओर इस तरीके से निभा सकता था।
मूवी में आईपीएस अयान रंजन का एक गांव में तबादला होता है जंहाउनके आने से पहले ही तीन लड़कियां गायब हो जाती है, जब इस बात का पता अयान को चलता है तो वह देखकर आश्चर्य करता है कि पुलिस भी उनका पता लगाने में रूची नही रखती,
क्योकि जो लडकियां गायब हुई है वो नीची जाति कि है और उनके लिए कोई न्याय भी मांग नहीं करता।
लेकिन गायब हुई लड़कियों में से दो लड़किया जब पेड के लटकी हुई मिलती तो अयान बेहद परेशान हो जाता है और बची एक लडकी को ढुंढ निकालता है।
अभिनेत्री ईशा तलवार ने अपना किरदार बखुबी निभाया है। वही सयानी गुप्ता ,मनोज पाहवा, और कुमुद मिश्रा के किरदारों ने फिल्म को ओर रोचक बना दिया। इस फिल्म के माध्यम से समाज में एक साफ संदेश देने की कोशिश की गई है कि समाज में आज भी भेदभाव कम नहीं हुआ है।
अनुभव सिन्हा की आर्टिकल 15 एक साहसिक कदम है। हमें इस समय इसकी जरूरत है, क्योंकि समाज में आज भी जारी भेदभाव को सबके सामने लाना जरूरी है।अनुभव सिन्हा की ये फिल्म "मुल्क" के बाद आयी है, मुल्क जंहा देशभक्ति का दंभ भरती है। वही आर्टिकल 15 समाज में हो रहे भेदभाव को दर्शाती है।
समाज को आईना दिखाती ये फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए… और सिन्स इंडिपेंनडेंस की टीम सरकार से मांग करती है कि समाज में होते भेदभाव और समाज को आईना दिखाती ये फिल्म पूरे देश में टैक्स फ्री होनी चाहिए ..