मुजफ्परपुर – बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिम सिंड्रोम का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है, बिहार के मुजफ्परपुर जिले में इस बीमारी अबतक 31 बच्चों की मौत हो गई है। लगातार इस बिमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है। मुजफ्फपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल में भर्ती कई मरीजों की हालत गंभीर बताई जा रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से भेजा गया दल स्थानीय डॉक्टर के साथ मिलकर इस बात की जांच करेगा कि जिन बच्चों की मौत हुई है उसका कारण क्या है।
प्रदेश के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) संजय कुमार ने बताया कि 80 फीसदी मौतों में हाइपोग्लाइसीमिया का शक है। बिहार सरकार ने राज्य के 12 जिलों में 222 प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स को अलर्ट कर दिया है। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे मरीजों के इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरतें।
संजय कुमार ने बताया कि उन्होंने खुद प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स की स्थिति का जायजा लिया है। सभी इंतजाम परे है। एसकेएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जी. एस. सहनी ने बताया कि अब तक बीमार बच्चों का उपचार बीमारी के लक्षण को देखते हुए किया जा रहा है।
एइएस से ग्रसित बच्चों को पहले तेज बुखार और शरीर में ऐंठन होता है और फिर ये बेहोश हो जाते हैं। इधर, एसकेएमसीएच में चिकित्सकों एवं कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि उमस भरी गर्मी के कारण ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है।