भारत 15 जूलाई को अतंरिक्ष में कुछ ऐसा करने वाला है, जिससे दुनिया में मच जाएगी खलबली

इसरो चंद्रयान -2 मिशन की लान्चिंग करेगा, पहले ही मिल गए थे सकेंत, अब की पुष्टि
भारत 15 जूलाई को अतंरिक्ष में कुछ ऐसा करने वाला है, जिससे दुनिया में मच जाएगी खलबली

नई दिल्ली – इसरो ने भारत के दूसरे चंद्र मिशन, चंद्रयान –2 के लिए लॉन्च की तारीख तय कर दी है। प्रक्षेपण 15 जुलाई (सोमवार) को सुबह 2:51 बजे होगा और लैंडिंग 6 या 7 सितंबर को होने की उम्मीद है। इसरो का कहना है कि यह लॉन्च उसी रणनीति का हिस्सा है जो है जो चंद्रयान 1 के लिए मिशन था।

इसरो ने कहा कि हम पानी खोजने की उम्मीद कर रहे हैं। हमने कभी भी कोई कसर नहीं छोड़ी और हमने हजारों परीक्षण किए। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने यह भी बताया कि चंद्रयान मिशन 2 के एक रोवर व्हील में अशोक चक्र होगा और रोवर लैंडर में तिरंगा होगा।

इसरो ने कहा कि चंद्रयान मिशन का कुल द्रव्यमान 3.8 टन है, और इसकी लागत 603 करोड़ रुपये है। "चंद्रयान –2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। इस को उतरने में 15 मिनट लगेंगे और यह सबसे भयानक क्षण होगा क्योंकि इसरो के द्वारा कभी भी ऐसी उड़ान नहीं भरी गयी है

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के चयन करने के लिए कई कारणों का हवाला दिया है, इसरो ने बताया किसौर ऊर्जा पर निर्भर मिशन के लिए पर्याप्त सुर्य की रोशनी, एक अच्छी लैंडिंग के लिए दृश्यता की आवश्यक होगी। साथ ही समतल सतह और पानी और खनिजों की उच्च पैमाने पर उपस्थिति की सभांवना है।

इसरो ने बताया कि लैंडिंग के बाद, रोवर का दरवाजा खुल जाएगा। यह अगला महत्वपूर्ण क्षण होगा; लैंडिंग से रोवर के निकलने में चार घंटे लगेंगे। हमारे पास 15 मिनट के भीतर लैंडिंग की तस्वीरें हो सकती हैं।

रोवर और लैंडर के पास एक दिन का जीवन होगा "हम मैग्नीशियम, कैल्शियम और लोहे जैसे तत्वों के लिए और पानी के संकेतों के लिए रॉक की इमेजिंग की तलाश करेंगे। इसके लिए इसरो चंद्रमा के एक्सोस्फेयर का भी अध्ययन करेगा।

इसके अलावा ऑर्बिटर और लैंडर से पृथ्वी पर सीधे संवाद कर सकेगें। लेकिन रोवर बिजली की सीमाओं के कारण सीधे संवाद नहीं कर सकता है।

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