नई दिल्ली – मिशन शक्ति के बाद अब इसरो अंतरिक्ष में युद्ध की तैयारी में लगा गया है। इससे पहले भारत ने मार्च 2019 में अंतरिक्ष में एंटी सैटेसाइट का सफल परीक्षण किया था। भारत लगातार अंतरिक्ष में अपनी स्थिति को मजबूत करने में लगा है।
इसी के चलते भारत अब अगले महिने से अंतरिक्ष में युद्धाभ्यास किया करेगा। यह अपनी तरह का पहला अंतरिक्ष युद्धाभ्यास होगा। यह अभ्यास मूल रूप से एक टेबल-टॉप वार-गेम होगा। इसमें सेना और साइंस कम्युनिटी के लोग शामिल होंगे। इससे भारत अपनी अंतरिक्ष संपत्तियों को अमेरिका, चीन जैसे देशों से सुरक्षित करेगा। इसरो ने इस युध्याभ्यास को "इंडस्पेसएक्स" नाम दिया है।
इस युद्धाभ्यास से भारत को सुरक्षा की द्दष्टि से काफी फायदा होगा, इससे न केवल हमारे सशस्त्र बलों की विश्वसनीयता बढ़ेगी बल्कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा भी मजबूत होगी। ऐसे में इंडस्पेसएक्स हमें अंतरिक्ष में रणनीतिक चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगा।
इससे पहले भारत ने मिशन शक्ति के जरिए पहली बार विश्वसनीय काउंटर-स्पेस क्षमता विकसित करने की तरफ तब पहला कदम उठाया, जब पृथ्वी की कक्षा में स्थित 283 किलोमीटर की ऊंचाई 740 किलो के माइक्रोसैट-आर सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए 19 टन की इंटरसेप्टर मिसाइल (लियो) को 27 मार्च को लॉन्च किया।
डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने कहा था कि भारत काउंटर स्पेस क्षमताओं को विकसित करने का काम कर रहा है।