लंदन – यूके की अदालत ने एक बार फिर नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा सबूतों में हेरफेर करने का प्रयास किया गया है। हीराबार कारोबारी नीरव मोदी ने लगातार चौथी बार जमानत के लिए अदालत में याचिका लगाई थी, लकिन चार बार ही यूके की अदालत ने जमानत देने से मना कर दिया।
अदालत ने नीरव मोदी पर सबूतों के साथ छेडछाड़ करने की कोशिश का भी आरोप लगाया है। अदालत ने कहा कि जिन सबूतों के साथ हेरफेर करने की कोशिश की गई वो इस केस के बहूत ही महत्वपुर्म सबूत थे।
लंदन के पश्चिम में स्थित भीड़भाड़ वाली वंड्सवर्थ जेल में बंद नीरव मोदी के वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने मंगलवार को जमानत लेने के लिए अदालत को विभिन्न आधार बताए।
जबकि क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए भारतीय पक्ष ने इसका विरोध किया।
अदालत ने फैसले को पढ़ते हुए न्यायाधीश इंग्रिड सरल ने कहा कि सबूत को देखने के लिए उनके साथ हेरफेर और सबूत नष्ट करने का प्रयास किया गया है।
अदालत ने कहा कि "ऐसा लगता है कि नीरव मोदी के पास धन का उपयोग करने के साधन है। मेरे लिए यह देखना मुश्किल है कि ब्रिटेन को प्रत्यर्पण से बचने के लिए एक सुरक्षित आश्रय क्यों होना चाहिए "
न्यायाधीश ने कहा, कि दुनिया में अभी भी ऐसी जगहें हैं जहां कोई प्रत्यर्पण से बचने के लिए स्थानांतरित हो सकता है।