नई दिल्ली –राहुल गांधी ने बुधवार को एक बार फिर से साफ कर दिया कि वो कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा वापस नहीं लेगें। बुधवार को कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने उनसे पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज कांग्रेस संसदीय बैठक की अध्यक्षता की, जहां सांसदों ने कहा कि पार्टी को राहुल के नेतृत्व की जरूरत है और कोई और नहीं जो कांग्रेस का नेतृत्व कर सके। हालांकि, जानकारी मिली है कि राहुल गांधी खुद को पाटी के अध्यक्ष पद से हटकर नए पार्टी प्रमुख के लिए रास्ता बनाने के लिए अड़े है।
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से बात की और यह समझाने की कोशिश की कि हाल ही में हुए 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी उनके अकेले की नहीं थी।
इस बीच, यूथ कांग्रेस के सदस्यों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली में राहुल गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके समर्थन में नारेबाजी की। सर्मथकों ने 'राहुल गांधी जिंदाबाद' और 'राहुल तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं' के नारे उनके सरकारी आवास के बाहर लगाए।
2019 के लोकसभा चुनावों में उनके अपमानजनक प्रदर्शन के बाद से कांग्रेस पार्टी संकट से जूझ रही है, जिसमें वे केवल 52 सीटें जीतने में सफल रहे। इसके बाद ग्रैंड ओल्ड पार्टी केवल 2014 की रैली में मामूली सुधार कर सकी जब उन्होंने 44 सीटें जीतीं।
गांधी ने तब परिणाम घोषित होने के बाद बुलाई गई पहली सीडब्ल्यूसी बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने तब सर्वसम्मति से उनके प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में इसके निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों की समीक्षा के लिए अपनी पार्टी के राज्य प्रभारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।