मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आव्हान पर 'प्रदेश के हर सरकारी चिकित्सालय को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाएगा.' इसके लिए प्रदेश के 59 नगरीय निकायों में नगर विकास न्यास, निगम, परिषद एवं पालिकाओं में 105 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्यादेश जारी किया गया है. ये सभी ऑक्सीजन प्लांट एक वर्ष के संचालन व रखरखाव, दो साल की वारंटी के साथ 2 महीने में स्थापित किए जाएंगे.
स्वायत्त शासन विभाग की 48 नगरीय निकायों में 58 ऑक्सीजन प्लांट एवं नगरीय विकास विभाग की 11 नगरीय इकायों में 47 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जाएंगे. उच्च स्तरीय समिती ने प्रदेश के सरकारी चिकित्सालयों में अलग-अलग क्षमता के प्लांट लगाने के लिए निर्धारित तकनीकी मापदंड एवं तकनीक का निर्धारण किया है.
नगरीय विकास विभाग की जिन 11 नगरीय इकाइयों में प्रथम चरण में 47 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे है, उनमें अजमेर, भरतपुर व भीलवाड़ा में 171-171 बेड क्षमता का बीकानेर में 229 बेड क्षमता का जयपुर में 857 बेड क्षमता का जोधपुर व कोटा में 600-600 बेड क्षमता का उदयपुर 343 बेड क्षमता के अवलर में 86 बेड क्षमता के भिवाड़ी में 43 बेड क्षमता के व बाड़मेर में 29 बेड क्षमता के आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।
वही राजस्थान में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही। गहलोत सरकार ने इसे कम करने के लिए पिछले डेढ़ महीने में चार तरह के प्रयोग (नाइट कर्फ्यू, वीकेंड लॉकडाउन, जनसुरक्षा पखवाड़ा और अब टोटल लॉकडाउन) करके देख लिए। लेकिन इन सबके बाद भी कोरोना के केस कम नहीं हो रहे।
बड़े शहरों के बाद अब छोटे शहरों में भी संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी है। 10 मई को राज्य में जब टोटल लॉकडाउन लगाया गया तब से 14 मई तक यानी 5 दिन के अंदर संक्रमण के मामलों में कोई कमी देखने को नहीं मिली। प्रदेश के 7 शहरों में इन 5 दिनों में संक्रमण दर 30% से ऊपर रही है।