भारत में दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज़ होंगी उपलब्ध: नीति आयोग

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने भरोसा दिलाया है कि दिसंबर तक देश में वैक्सीन की 216 करोड़ डोज उपलब्ध होगी।
भारत में दिसंबर तक 216 करोड़ वैक्सीन डोज़ होंगी उपलब्ध: नीति आयोग

डेस्क न्यूज़: NITI Aayog के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने देश में टीकाकरण की गति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि भारत में कोरोना वैक्सीन की लगभग 18 करोड़ खुराक दी गई है। अमेरिका में, यह संख्या लगभग 26 करोड़ है, इसलिए टीकाकरण के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है। कई राज्यों द्वारा वैक्सीन की कमी की शिकायत पर उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त से दिसंबर के बीच भारत में कोरोना Vaccine की कुल 216 करोड़ डोज उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने अगले चार महीनों के लिए अपनी उत्पादन योजना केंद्र सरकार को सौंप दी है। इस हिसाब से अगस्त तक वे अपना उत्पादन बढ़ाकर 10 करोड़ (सीरम इंस्टीट्यूट) और 7.8 करोड़ (भारत बायोटेक) डोज कर लेंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही देश के सभी लोगों के लिए Vaccine उपलब्ध हो जाएगी।

डॉ पॉल ने अगस्त से दिसंबर के बीच भारत में किस वैक्सीन की कितनी डोज उपलब्ध होगी, इसका पूरा खाका बताया।

1. कोविशील्ड – 75 करोड़ डोज

इसे ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी ने एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर तैयार किया है। भारत की सीरम इंस्टीट्यूट इसका उत्पादन कर रही है।

2. कोवैक्सीन – 55 करोड़ डोज

ये भारत की अपनी देसी कोरोना वैक्सीन है। इसे भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (ICMR) के साथ मिलकर बनाया है और उत्पादन जारी है।

3. बायो वैक्सीन – 21 करोड़ डोज

अमेरिकी कंपनी HDT Bio Corp भारत में जेनेवा बायो फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर ये वैक्सीन बना रही है।

4. जेनेवा वैक्सीन – 6 करोड़ डोज

अमेरिकी कंपनी HDT Bio Corp भारत में जेनेवा बायो फार्मास्युटिकल कंपनी के साथ मिलकर बना रही है।

5. जायडस कैडिला वैक्सीन – 5 करोड़ डोज

इसे अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला के लैब में तैयार किया जा रहा है।

6. नोवावैक्स वैक्सीन – 20 करोड़ डोज

सीरम इंस्टीट्यूट ने अमेरिकी दवा कंपनी नोवावैक्स इंक के साथ इस वैक्सीन के उत्पादन और वितरण क समझौता किया है।

7. स्पुतनिक वैक्सीन – 15 करोड़ डोज

रूस के गामालेया इंस्टीट्यूट ने रशियन डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ मिलकर इसे विकसित किया है। ये अगले हफ्ते से बाजार में मिलेगी और जुलाई से इसका भारत में प्रोडक्शन शुरू होगा।

डॉ. पॉल ने ये भी कहा कि FDA और WHO से जिन वैक्सीन को मंजूरी मिली है, उन कंपनियों का भारत में स्वागत है। उन्हें एक से दो दिनों में आयात लाइसेंस दिया जाएगा।

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