जानिए कैसे कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी में राजस्थान शिक्षा विभाग

शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में 30% तक की कटौती करने का निर्णय लिया गया है
जानिए कैसे कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी में राजस्थान शिक्षा विभाग

डेस्क न्यूज़- राजस्थान में 1 सितंबर से खुलने जा रहे स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत राज्य के सभी स्कूलों में पाठ्यक्रम में 30% तक की कटौती करने का निर्णय लिया गया है, इसके साथ ही शिक्षा विभाग की ओर से हर माह छात्रों के मूल्यांकन के लिए टेस्ट टेस्ट भी दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में लॉक डाउन की स्थिति में छात्रों का मूल्यांकन किया जा सके।

शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि लंबे समय से कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर गई है, ऐसे में छात्रों और शिक्षकों पर किसी तरह का दबाव न हो, इसको ध्यान में रखते हुए विभाग ने कोर्स में 30 फीसदी कटौती करने का फैसला किया है, जिसके आदेश जल्द ही जारी कर दिए जाएंगे, इसके तहत अब स्कूलों में 70 फीसदी कोर्स ही पढ़ाए जाएंगे, ताकि नौवीं से बारहवीं तक का कोर्स समय पर पूरा हो सके।

अब हर माह छात्रों का होगा मूल्यांकन

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका है, ऐसे में अब शिक्षा विभाग की ओर से हर महीने छात्रों की परीक्षा लेने का फैसला किया गया है, ताकि भविष्य में हम परीक्षा न भी करा पाएं, तब भी हम बच्चों का मूल्यांकन कर सकें, इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा हर माह परीक्षा का प्रारूप तैयार किया गया है, जिसे अगले माह से मूर्त रूप दिया जाएगा।

जनप्रतिनिधि करेंगे स्कूलों का औचक निरीक्षण

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि राजस्थान में छोटे बच्चों का स्वास्थ्य हमारी पहली प्राथमिकता है, ऐसे में हर स्कूल में सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन हो रहा है या नही, इसे सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ आला अधिकारी भी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगे, इस दौरान कहीं भी कोई कमी पाई जाती है, ऐसे में उस स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है, केंद्र की गाइडलाइन के बाद ही राजस्थान में प्राइमरी स्कूल खोलने की तैयारी की जाएगी, लेकिन उससे पहले राज्य के चिकित्सा विभाग और मुख्यमंत्री के स्तर पर भी चर्चा होगी।

इन नियमों का करना होगा पालन

  • छात्रों के बीच दो गज की दूरी होगी, यदि एक ही टेबल पर तीन छात्रों के बैठने की व्यवस्था हो तो बीच की सीट खाली रहेगी।
  • बच्चों को लंच के लिए खुली जगह देनी होगी, बच्चे साथ में लंच नहीं करेंगे और घर से पानी की बोतल भी लाएंगे, नहीं लाए तो
  • स्कूल से शुद्ध पानी देना होगा।
  • छात्रों और शिक्षकों को फेस मास्क का उपयोग करना आवश्यक है।
  • प्रार्थना सभा नहीं होगी।
  • खेल गतिविधियों पर भी रोक रहेगी।
  • छात्रों को पेन, कॉपी, पेंसिल का आदान-प्रदान नहीं करना होगा।
  • लंच बॉक्स किसी के साथ शेयर न करें।
  • अन्य छात्रों से शारीरिक दूरी बनाए रखें।
  • आप आवंटित सीट पर ही बैठेंगे।
  • स्कूल परिसर में अनावश्यक रूप से न घूमें।
  • अपनी पानी की बोतल, सैनिटाइजर अपने पास रखें।
  • सर्दी, खांसी, बुखार हो तो स्कूल न आएं।
  • शिक्षक की ड्यूटी स्कूल के प्रवेश और निकास पर होगी, जो केवल मास्क पहने छात्र को ही आने-जाने की अनुमति देगा।
  • बस में छात्र को सीट आवंटित की जाएगी और छात्र वहीं बैठेंगे।
  • जो छात्र स्कूल नहीं आ पाएंगे उन्हें ऑनलाइन स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा।

नियम बनाए गए हैं, सरकार से मंजूरी मांगी गई है

राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने कहा कि शिक्षा विभाग ने एसओपी जारी कर दिया है, इसका उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, कोरोना से बचने के लिए स्कूल टीचर और पैरेंट्स दोनों को सहयोग करना चाहिए।

प्रदेश में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल

सरकारी स्कूल: 14914 कुल छात्र – 26 लाख
निजी स्कूल: 16180 कुल छात्र- 25 लाख

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