महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बयानबाजी केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महंगी पड़ती दिखाई दे रही है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री के खिलाफ पुणे, रायगढ़ और नासिक में FIR दर्ज हो गई है। पुणे और नासिक पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए वारंट भी जारी कर दिया है। पुणे के चतुःश्रुगी पुलिस स्टेशन की एक टीम रायगढ़ के चिपलून के लिए रवाना हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि यह टीम नारायण राणे को गिरफ्तार करने जा रही है। भाजपा की जनआशीर्वाद यात्रा में शामिल नारायण राणे सोमवार से यहीं पर हैं। राणे राज्यसभा सांसद हैं, इसलिए पुलिस को प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। गिरफ्तारी के बाद इसकी जानकारी राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को दी जाएगी। राणे के बयान के बाद शिवसैनिक आक्रामक नजर आ रहे हैं। नासिक में तकरीबन आधा दर्जन शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पर पथराव भी किया।
सोमवार को महाड में पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछा था कि स्वतंत्रता दिवस के दिन दिए भाषण में CM उद्धव ठाकरे अमृत महोत्सव या हीरक महोत्सव को लेकर कंफ्यूज दिखे।
इस पर नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा, 'देश को आजादी मिले हुए कितने साल हुए… अरे हीरक महोत्सव क्या? मैं होता तो कान के नीचे लगाता।' उन्होंने आगे कहा, 'स्वतंत्रता दिवस के बारे में आपको मालूम नहीं होना चाहिए? कितनी गुस्सा दिलाने वाली बात है यह। सरकार कौन चला रहा है, यह समझ ही नहीं आ रहा है।' राणे जब इस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे तब उनके साथ विधान परिषद के विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर भी वहां मौजूद थे।
पुलिस द्वारा जारी वारंट पर नारायण राणे ने कहा कि मुझे कोई भी आधिकारिक जानकारी इस संबंध में नहीं है। पुलिस की ओर से कोई भी नोटिस मुझे नहीं मिला है। मैंने कोई गुनाह नहीं किया है और न ही किसी FIR की मुझे जानकारी है। मैं एक केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा का सांसद हूं, इसलिए कानून क्या है यह मुझे अच्छी तरह से पता है।
राणे ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि CM उद्धव ठाकरे ने भाजपा विधायक प्रसाद लाड के लिए कहा था कि हम उन्हें ऐसा तमाचा मारेंगे कि वह अपने पैरों पर खड़ा होने लायक नहीं बचेंगे। मैं इसी के जवाब में उनके कान के नीचे बजाने की बात कही थी। अगर मेरे खिलाफ FIR हुई है तो CM के खिलाफ केस क्यों नहीं किया गया। बता दें कि प्रसाद लाड ने कुछ दिन पहले शिवसेना भवन तोड़ने की बात कही थी। हालांकि, बाद में उन्हें बयान को तोड़मरोड़ कर पेश करने की बात कहते हुए अपना बयान वापस ले लिया था।
कोरोना का हवाला देते हुए नारायण राणे ने आगे कहा, "महाराष्ट्र में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौतें हो गईं। उसके नियंत्रण के लिए कोई योजना नहीं, उपाय नहीं, वैक्सीन नहीं, डॉक्टर नहीं, चिकित्सा कर्मचारी नहीं। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग की स्थिति भयावह है। इन्हें बोलने का अधिकार भी है क्या? इन्हें बगल में एक सेक्रेट्री रखना चाहिए और सलाह लेकर बोलना चाहिए।"
राणे के बयान को लेकर नासिक के शिवसेना पदाधिकारी सुधाकर बडगुजर ने नासिक के महाड़ पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई थी। अपनी शिकायत में सुधाकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री और एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं, इसलिए उनके बारे में दिया गया बयान पूरे राज्य का अपमान है। सुधाकर की शिकायत पर नारायण राणे के खिलाफ धारा 500, 502, 505 और 153 (ए) के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
शिकायत में आगे कहा गया कि राणे के बयान से समाज में नफरत और दरार पैदा हो सकती है और कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है। उसके बाद नासिक पुलिस ने राणे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
इसके बाद पुणे के चतुःश्रुगी पुलिस स्टेशन में युवा सेना के सचिव रोहीत कदम ने IPC की धारा 153, 153 B(1)(C), 505(2) के तहत मामला दर्ज करवाया है। इसी तरह का केस रायगढ़ में भी दर्ज हुआ है।
नारायण राणे के इस बयान के बाद रातोंरात मुंबई के दादर इलाके में शिवसैनिकों ने राणे के खिलाफ पोस्टर लगा दिया। पोस्टर में नारायण राणे की तस्वीर के साथ 'कोबंडी चोर' यानी 'मुर्गी चोर' लिखा हुआ था। देर रात राणे के आवास के बाहर शिवसेना कार्यकर्ताओं के इकट्ठा होकर प्रदर्शन करने की बात सामने आई।
नारायण राणे को जल्द गिरफ्तार करने की खबरों पर उनके बेटे नीतीश राणे ने सोशल मीडिया में लिखा, 'खबर है कि युवा सेना के सदस्यों को हमारे जूहू आवास के बाहर इकट्ठा होने को कहा गया है। या तो मुंबई पुलिस उन्हें वहां जाने से रोके या फिर जो कुछ भी वहां होता है वह हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। शेर की मांद में जाने की हिम्मत न करो। हम इंतजार कर रहे होंगे।'