CoronaVirus से लडने के लिए Whatsapp पर वायरल हो रही है जापान की एक कहानी

पीएम मोदी की अपील पर रविवार रात को देश भर में एकजुटता दिखाने के लिए दिये, टार्च लेकर छतों और खिडकियों में खड़े दिखाई दिये,
CoronaVirus से लडने के लिए Whatsapp पर वायरल हो रही है जापान की एक कहानी

डेस्क न्यूज – पीएम मोदी की अपील पर रविवार रात को देश भर में एकजुटता दिखाने के लिए दिये, टार्च लेकर छतों और खिडकियों में खड़े दिखाई दिये, इस को कुछ लोग अंधविश्वास बता रहे है तो कुछ जापान की एक कहानी से जोड़कर देख रहे जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है,

जापान में पुरानी कथा है

एक छोटे से राज्य पर एक बड़े राज्य ने आक्रमण कर दिया। उस राज्य के सेनापति ने राजा से कहा कि आक्रमणकारी सेना के पास बहुत संसाधन है हमारे पास सेनाएं कम है संसाधन कम है हम जल्दी ही हार जायेंगे बेकार में अपने सैनिक कटवाने का कोई मतलब नहीं। इस युद्ध में हम निश्चित हार जायेंगे और इतना कहकर सेनापति ने अपनी तलवार नीचे रख दिया।

अब राजा बहुत घबरा गया अब क्या किया जाए, फिर वह अपने राज्य के एक बूढे फकीर के पास गया और सारी बातें बताई।

फकीर ने कहा उस सेनापति को फौरन हिरासत में ले लो उसे जेल भेज दो। नहीं तो हार निश्चित है।

यदि सेनापति ऐसा सोचेगा तो सेना क्या करेंगी।

आदमी जैसा सोचता है वैसा हो जाता है।

फिर राजा ने कहा कि युद्ध कौन करेगा।

फकीर ने कहा मैं,

वह फकीर बूढ़ा था, उसने कभी कोई युद्ध नहीं लड़ा था और तो और वह कभी घोड़े पर भी कभी चढ़ा था। उसके हाथ में सेना की बागडोर कैसे दे दे।

लेकिन कोई दूसरा चारा न था।

वह बूढ़ा फकीर घोड़े पर सवार होकर सेना के आगे आगे चला।

रास्ते में एक पहाड़ी पर एक मंदिर  था। फकीर सेनापति वहां रुका और सेना से कहा कि पहले मंदिर के देवता से पूछ लेते हैं कि हम युद्ध में जीतेंगे कि हारेंगे।

सेना हैरान होकर पूछने लगी कि देवता कैसे बतायेंगे और बतायेंगे भी तो हम उनकी भाषा कैसे समझेंगे।

बूढ़ा फकीर बोला ठहरो मैंने आजीवन देवताओं से संवाद किया है मैं कोई न कोई हल निकाल लूंगा।

फिर फकीर अकेले ही पहाड़ी पर चढा और कुछ देर बाद वापस लौट आया।

फकीर ने सेना को संबोधित करते हुए कहा कि मंदिर के देवता ने मुझसे कहा है कि यदि रात में मंदिर से रौशनी निकलेगी तो समझ लेना कि दैविय शक्ति तुम्हारे साथ है और युद्ध में अवश्य तुम्हारी जीत हासिल होगी।

सभी सैनिक साँस रोके रात होने की प्रतीक्षा करने लगे। रात हुई और उस अंधेरी रात में मंदिर से प्रकाश छन छन कर आने लगा ।

सभी सैनिक जयघोष करने लगे और वे युद्ध स्थल की ओर कूच कर गए ।

21 दिन तक घनघोर युद्ध हुआ फिर सेना विजयी होकर लौटीं।

रास्ते में वह मंदिर पड़ता था।

जब मंदिर पास आया तो सेनाएं उस बूढ़े फकीर से बोली कि चलकर उस देवता को धन्यवाद दिया जाए जिनके आशीर्वाद से यह असम्भव सा युद्ध हमने जीता है।

सेनापति बोला कोई जरूरत नहीं ।।

सेना बोली बड़े कृतघ्न मालूम पड़ते हैं आप जिनके प्रताप से आशीर्वाद से हमने इस भयंकर युद्ध को जीता उस देवता को धन्यवाद भी देना आपको मुनासिब नही लगता।

तब उस बूढ़े फकीर ने कहा , वो दीपक मैंने ही जलाया था जिसकी रौशनी दिन के उजाले में तो तुम्हें नहीं दिखाई दिया पर रात्रि के घने अंधेरे में तुम्हे दिखाई दिया।

तुम जीते क्योंकि तुम्हे जीत का ख्याल निश्चित हो गया।

विचार अंततः वस्तुओं में बदल जाती है।

विचार अंततः घटनाओं में बदल जाती है।

मोदी जी दिया जलाने की बात कर रहे हैं वह वस्तुतः उपरोक्त प्रक्रिया का ही प्रयोग है। क्योंकि यह निश्चित है कि बाह्य संसाधनों के बल पर कोरोना से आप नहीं जीत सकते , अमेरिका का उदाहरण आपके सामने है। अमेरिका एक ताकतवर परंतु डरा हुआ मुल्क है। इतिहास गवाह है वह युद्ध अपनी धरती पर नहीं लड़ता कि उसके लोग मारे जायेंगे।  आधुनिक काल के इतिहास में यह पहला युद्ध है जिसे उसको अपनी धरती पर लड़ना पड़ रहा है।

यह वह मुल्क है जहां एक बार 6 घंटे बिजली आपूर्ति ठप्प हो गई थी तो सैकड़ों लोग डिप्रेशन से मर गए थे। अतः हे भारत के अदम्य जिजीविषा से भरे हमारे बहनों एवं भाईयों हम यह युद्ध आधी जीत चुके हैं हमारे यहां कोरोना पीड़ितो की मृत्यु दर कम है वही मृत्यु को प्राप्त हो रहे है जिन्हें कोई अन्य बीमारी हो या जो जीवन से निराश हो चुके हैं। अतः हे भारत के महामानव आपका कोरोना कुछ नहीं बिगड़ेगा , आपके लिए कोरोना सिजनल फ्लू जैसा बनकर रह जायेगा।

Note – Since Independence इस कहानी की सच्चाई की पुष्टि नहीं करता और यह मात्र सोशल मीडिया के अनुरूप चलाई गई कहानी है

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