न्यूज़- जब देश में कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ था, तब यहां उसके लिए टेस्टिंग के भी खास इंतजाम नहीं थे। देश में एक या दो लैब ही काम कर रहे थे और रोजाना कुछ सौ टेस्टिंग होती थी। लेकिन, बीते ढाई महीने में नोवल कोरोना वायरस की जांच की रफ्तार कई गुना बढ़ चुकी है और अब देश में रोजाना एक लाख से भी ज्यादा टेस्टिंग होने लगी है। यही वजह है कि अबतक देश में 38 लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच हो चुकी है और अच्छी बात ये है कि रोजाना टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने के साथ ही रिकवरी रेट में भी काफी तेजी से इजाफा होता जा रहा है; और अब यह बढ़कर तकरीबन 50 फीसदी के आसपास पहुंच चुका है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने सोमवार को बताया है कि देश में अबतक नोवल कोरोना वायरस के 38 लाख से ज्यादा सैंपलों की जांच हो चुकी है। इस दौरान 1,00,180 सैंपलों की जांच तो पिछले 24 घंटों के अंदर ही हुई है। लेकिन, इन सबके बीच सबसे गंभीर बात ये है कि पिछले 24 घंटों में देशभर में कोरोना वायरस के 8,392 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं और इस दौरान कुल 230 लोगों की जान भी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में रोजाना तेजी से संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर अब 1,90,535 तक पहुंच चुके हैं। इनमें से 93,322 केस इस समय सक्रिय हैं, जबकि 91,818 लोग इस बीमारी से छुटकारा पाकर अपने घरों को लौट चुके हैं। वहीं ये वैश्विक महामारी भारत में अबतक 5,394 लोगों की जान ले चुकी है।
हालांकि, इन आंकड़ों में सबसे राहत देने वाला आंकड़ा ये है कि देश में अब कोरोना वायरस के इंफेक्शन से पूरी तरह ठीक होने वाले मरीजों की रिकवरी रेट काफी बढ़ चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में इस समय कोरोना वायरस के संक्रमण से मरीजों की रिकवरी रेट 48.2 फीसदी हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 'भारत कोविड-19 की रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि देख रहा है। रिकवरी रेट आगे और सुधरकर 1 जून, 2020 को 48.2 फीसदी हो चुकी है। ' यानि, जितने नए मरीज रोज आ रहे हैं, उनके मुकाबले इतने मरीज रोज ठीक होकर घर लौट रहे हैं या उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज किया जा रहा है। बता दें कि रविवार को जारी बयान में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि,'एक ग्रेडेड, प्री-इम्पटिव और प्रो-ऐक्टिव एप्रोच से भारत सरकार राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के साथ मिलकर कोविड-19 के प्रबंधन और रोकथाम के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। इसकी समीक्षा और निगरानी उच्चतम स्तर से लगातार की जा रही है।'
इस बीच कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच आईसीएमआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद देश की इस सबसे बड़ी मेडिकल बॉडी (आईसीएमआर) की पूरी बिल्डिंग को सैनिटाइज किए जाने की खबरें हैं। जानकारी के मुताबिक मुंबई के रहने वाले वे वैज्ञानिक कुछ दिन पहले ही दिल्ली आए थे और उनकी नोवल कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वह वैज्ञानिक मुंबई स्थित आईसीएमआर के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन रिप्रोडक्टिव हेल्थ से जुड़े हैं। जानकारी ये भी है कि वह वैज्ञानिक पिछले हफ्ते एक मीटिंग में शामिल हुए थे, जिसमें आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉक्टर बलराम भार्गव समेत कई लोग शामिल हुए थे। खबरों के मुताबिक उनके पॉजिटिव आने के बाद सिर्फ कोविड-19 कोर टीम के लोगों को ही बहुत ही आवश्यक होने पर दफ्तर आने को कहा गया है, बाकियों को घर से ही काम करने को कहा गया है।