अफगान: तालिबानियों ने मां-बाप को मारा तो 16 साल की गुल ने AK-47 से ढेर किए 2 आतंकी

क़मर गुल की उम्र 14 से 16 साल के बीच बताई जा रही है। गुल का परिवार घोर प्रांत के एक गाँव में रहता है। लड़की के पिता मलिकज़ादा गाँव में सरकार के समर्थक थे और मुखिया भी थे
अफगान: तालिबानियों ने मां-बाप को मारा तो 16 साल की गुल ने AK-47 से ढेर किए 2 आतंकी

न्यूज़- अफगान के घोर प्रांत में 16 वर्षीय एक लड़की ने तालिबान के दो आतंकवादियों को कथित तौर पर मार डाला। तालिबान आतंकवादियों ने उसके घर में घुसकर उसके माता-पिता की हत्या कर दी थी। अपनी मां और पिता की हत्या को देखकर, 16 वर्षीय कमर गुल ने एके -47 से फायर किया। जिसमें दो आतंकवादी मारे गए और कुछ और आतंकियों को भी गोली लगी। गुल ने आतंकियों पर इस तरह से गोलीबारी की कि वे बौखला कर उन्हें भागना पड़ा। गुल की गोलीबारी में कई आतंकवादी घायल भी हुए हैं।

क़मर गुल की उम्र 14 से 16 साल के बीच बताई जा रही है।

क़मर गुल की उम्र 14 से 16 साल के बीच बताई जा रही है। गुल का परिवार घोर प्रांत के एक गाँव में रहता है। लड़की के पिता मलिकज़ादा गाँव में सरकार के समर्थक थे और मुखिया भी थे। इस वजह से तालिबान आतंकवादी उसे पसंद नहीं करते थे। पिछले हफ्ते, कुछ बंदूकधारी आतंकवादी उसके घर में घुस गए और उसे मारना शुरू कर दिया। जब गुल की माँ बीच में आई, तो उसने दोनों को खींच क्र लाये और उन्हें मार डाला। माता-पिता को मरते देख गुल ने एके -47 उठाई और आतंकवादियों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

जवाबी हमले के बाद में तालिबानी आतंकी अपने साथियों के साथ वापस आए

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि गुल के जवाबी हमले के बाद में तालिबानी आतंकी अपने साथियों के साथ वापस आए, लेकिन कुछ ग्रामीणों और सरकार समर्थक लड़ाकों ने उन्हें खदेड़ दिया। प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मोहम्मद आरेफ अबर ने कहा कि फिर से हमला के डर के चलते अफगान सुरक्षाबलों ने कमर गुल और उसके छोटे भाई को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया है।

इस घटना के बाद सोशल मीडिया फोटो वायरल हो रही  जिसमें एक लड़की स्कार्फ बांधे हुए एके-47 लिए बैठी है

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रही है। जिसमें एक लड़की स्कार्फ बांधे हुए एके-47 लिए बैठी है। ये तस्वीर गुल की ही बताई जा रही है। वहीं गुल के आतंकियों पर जवाबी हमला करने को लेकर भी उनकी दुनियाभर में तारीफ हो रही है। सोशल मीडिया साइट पर कई लोगों ने उसके ऐसा करने को सही ठहराया है और उसकी हिम्मत की दाद दी है। वहीं बहुत से लोगों ने अफगानिस्तान के हालात पर चिंता भी जाहिर की है कि कैसे छोटे-छोटे बच्चे हिंसा का सामना कर रहे हैं।

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