अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान सभी को ये मैसेज देने की कोशिश कर रहा है कि वो अफगानियों की जान-माल की हिफाजत करेगा। वहीं अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को देश छोड़ दिया। इसके बाद तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। हालाकि महिलाओं को लेकर तालिबान का रूख तानाशाही रहा हैं। तालिबान ने महिलाओं से ज़बरदस्ती शादी करने के दावों को ख़ारिज करते हुए कहा है कि यह सब प्रॉपेगैंडा हैं, जो तालिबान को बदनाम करने के लिए फैलाया जा रहा है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने इस पर सफ़ाई देते हुए ट्वीट किया है, "ये सभी दावे कि अफ़ग़ानिस्तान इस्लामी अमीरात लोगों को अपनी युवा बेटियों की शादी मुजाहिदीनों से करने के लिए मजबूर कर रहा है ये झूठ है। यह एक ज़हरीला प्रॉपेगैंडा है।"
तालिबान पर जबरन संपत्ति छीनने के आरोप भी लग रहे हैं जिसको लेकर भी उसने सफ़ाई दी है। सुहैल शाहीन ने ट्वीट किया, "अफ़गानिस्तान इस्लामी अमीरात किसी की निजी संपत्ति में रुचि नहीं रखता है, (न किसी की कार, ज़मीन, घर, बाज़ार और दुकानों में), बल्कि वह राष्ट्र की ज़िंदगियों और संपत्तियों की सुरक्षा को अपनी प्राथमिक ज़िम्मेदारी मानता है।"
इससे पहले तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने ट्वीट करके कहा था कि 'जबरन शादी करने और लोगों और क़ैदियों को मारने की बातें झूठ हैं जो कि काबुल प्रशासन फैला रहा है।' इसके साथ ही सुहैल शाहीन ने ट्वीट करके मुजाहिदीनों को लोगों और संपत्तियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को कहा है।उन्होंने ट्वीट किया, "मुजाहिदीनों को भंडार, सार्वजनिक सुविधाओं, सरकारी दफ़्तरों, सरकारी दफ़्तरों के साज़ो-सामान, पार्क, सड़कों, पुलों को लेकर ख़ासा ध्यान देना चाहिए। ये राष्ट्र की संपत्ति और भरोसा है, उनके साथ कोई व्यक्तिगत छेड़छाड़ और लापरवाही नहीं की जानी चाहिए बल्कि सख़्ती से बचाव किया जाना चाहिए।"
जलालाबाद को नियंत्रण में लेने का अर्थ है कि तालिबान ने पाकिस्तान को देश से जोड़ने वाले रास्ते को भी नियंत्रित कर लिया है। मज़ार-ए-शरीफ़ को कुछ घंटों में नियंत्रण में लेने के बाद यह शहर उसने क़ब्ज़ा लिया है। मज़ार-ए-शरीफ़ बाल्ख़ प्रांत की राजधानी और देश का चौथा बड़ा शहर है। बाल्ख़ के एक वकील अब्बास इब्राहिमज़ादा ने समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि राष्ट्रीय सेना ने पहले समर्पण किया जिसके बाद सरकार समर्थित सेनाओं और अन्य मिलिशिया ने भी समर्पण कर दिया। तालिबान लड़ाकों ने अब तक 34 प्रांतीय राजधानियों में से 23 को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है।
आज मेरे सामने एक मुश्किल चुनाव था; मैं तालिबान का सामना करने के लिए खड़ा रहूं, जो हथियारों से लैस हैं और राष्ट्रपति भवन में घुसना चाहते हैं या उस देश को छोड़कर चला जाऊं जिसकी रक्षा करने में मैंने अपने 20 साल दिए हैं। अगर मैं तालिबान से लड़ने का विकल्प चुनता तो, कई नागरिक शहीद होते और काबुल हमारी आंखों के सामने तबाह होता। इस 60 लाख की आबादी वाले शहर में बड़ी मानवीय त्रासदी देखनी पड़ती।
तालिबान ने ठान लिया है कि मुझे रास्ते से हटाना है। वे यहां काबुल और काबुल के लोगों पर हमला करने आए हैं। इस खून-खराबे को रोकने के लिए यही बेहतर था कि मैं यहां से चला जाऊं। तालिबान तलवारों और बंदूकों के साथ यह युद्ध जीत गए हैं और अब लोगों की इज्जत, दौलत और खुद्दारी की रक्षा करने की जिम्मेदारी तालिबान की है।
तालिबान ने लोगों का दिल नहीं जीता है। इतिहास में कभी सिर्फ ताकत के दम पर किसी को नहीं स्वीकारा गया है, न कभी स्वीकारा जाएगा। अब तालिबान के सामने बड़ा इम्तिहान है। या तो वे अफगानिस्तान के लोगों के नाम और सम्मान की रक्षा करेंगे या फिर दूसरी जगहों और अपने विस्तार पर ध्यान देंगे।
कई लोग सहमे हुए हैं और तालिबानी भरोसे के लायक नहीं हैं। यह जरूरी है कि वे देश की अवाम, अलग-अलग महकमों, बहनों और औरतों को यकीन दिलाएं कि उनका दिल जीतेंगे। आने वाले वक्त का एक प्लान बनाएं और उसे लोगों के साथ बांटें। मैं हमेशा अपने लोगों की खिदमत करता रहूंगा। आगे के लिए और भी बातें हैं। अफगानिस्तान जिंदाबाद
तालिबान का दावा है कि राष्ट्रपति गनी 50 लाख डॉलर कैश ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ये पैसा राष्ट्रपति महल के हेलीपैड पर ही रह गया। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, देर रात काबुल में कुछ धमाकों की आवाजें भी सुनाई दीं। हालांकि तालिबान के सूत्रों ने इसकी पुष्टि नहीं की। काबुल एयरपोर्ट से कॉमर्शियल उड़ानों पर रोक लगा दी गई है।