अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए मंगलवार शाम को एक विशेष फ्लाइट रवाना हो रही है। इसलिए मजार-ए-शरीफ के आसपास रहने वाले सभी नागरिकों से अपील है कि वह आज देर शाम प्रस्थान करने वाली विशेष उड़ान से भारत के लिए रवाना हों।
अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत के महावाणिज्य दूतावास ने मजार-ए-शरीफ के आसपास रहने वाले सभी भारतीय नागरिकों से भारत लौटने की अपील की है। दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मजार-ए-शरीफ से नई दिल्ली के लिए मंगलवार शाम को एक विशेष फ्लाइट रवाना हो रही है। इसलिए मजार-ए-शरीफ के आसपास रहने वाले सभी नागरिकों से अपील है कि वह आज देर शाम प्रस्थान करने वाली विशेष उड़ान से भारत के लिए रवाना हों।
भारतीय दूतावास ने आगे लिखा कि विशेष उड़ान से जाने के इच्छुक भारतीय नागरिकों को अपना पूरा नाम, पासपोर्ट नंबर, समाप्ति की तारीख व्हाट्सएप द्वारा निम्नलिखित नंबरों पर तुरंत भेजें। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते वर्चस्व को देखते हुए इस तरह के फैसले लेने पड़ रहे हैं।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से हर दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में तालिबानी लड़ाकों का कब्ज़ा बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के पांच प्रांत की राजधानियों पर अपना कब्जा जमा लिया है जिसके कारण लोगों के बीच दहशत का माहौल है। वहीं भारतीय दूतावास सुरक्षा के मद्देनजर अपने नागरिकों से भारत लौटने की अपील कर रहा है।
गौरतलब है कि पिछले महीने अफगानिस्तान में तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद भारत ने कंधार में अपने वाणिज्य दूतावास से लगभग 50 राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों को वापस बुला लिया था। भारतीय वायु सेना का एक विशेष विमान भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस कर्मियों के एक समूह सहित अन्य स्टाफ सदस्यों को वापस लाने के लिए भेजा गया था।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक फिलहाल करीब 1500 भारतीय नागरिक अफगानिस्तान में रह रहे हैं। पिछले हफ्ते विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में कहा था कि भारत सतर्क है और संघर्षग्रस्त देश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहा है।
बता दें कि जब से अमेरिका ने 1 मई को अपने सैनिकों को वापस बुलाना शुरू किया, तालिबान व्यापक हिंसा का सहारा लेकर पूरे अफगानिस्तान में तेजी से आगे बढ़ रहा है। अमेरिका पहले ही अपने अधिकांश बलों को वापस बुला चुका है और 31 अगस्त तक ड्रॉडाउन को पूरा करना चाहता है।