भारत अग्नि-5 मिसाइल का परीक्षण करने वाला है। यह मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है और इसकी मारक क्षमता 5000 किमी तक है। यह अग्नि मिसाइल का आठवां परीक्षण होगा। पिछले सभी परीक्षण सफल रहे हैं।
इस मिसाइल परीक्षण की खबर से चीन डरा हुआ है। दरअसल चीन के कई शहर इसकी सीमा में आते हैं। इस मिसाइल की सेना में शामिल होने के बाद भारत दुनिया के उन एलीट देशों में शामिल हो जाएगा, जिनके पास परमाणु हथियारों से लैस इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 2008 में अग्नि-5 पर काम शुरू किया था। इसे DRDO के रिसर्च सेंटर इमारत (RCI), एडवांस्ड सिस्टम्स लेबोरेटरी (ASL) और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी (DRDL) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया था। इसे पहले अग्नि -3+ नाम दिया गया था, लेकिन 2010 में इसका नाम बदलकर अग्नि -10 कर दिया गया।
इसका पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को उड़ीसा में किया गया था, जो सफल रहा। यह परीक्षण रेल मोबाइल लांचर के साथ किया गया था। इसके बाद जनवरी 2015 में मिसाइल का पहला कैनिस्टर परीक्षण किया गया। मिसाइल को तब एक रोड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था। मिसाइल का आखिरी परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को किया गया था। खास बात यह है कि अब तक मिसाइल के 7 परीक्षण किए जा चुके हैं, सभी सफल रहे हैं। अग्नि-5 को 2020 में ही सेना में शामिल किया जाना था, लेकिन कोरोना के कारण परीक्षण में देरी हो गई।
वर्तमान में, दुनिया के कुछ ही देशों के पास इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं। इनमें रूस, अमेरिका, चीन, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन, चीन और उत्तर कोरिया शामिल हैं। भारत इस शक्ति से लैस होने वाला दुनिया का आठवां देश होगा।