डेस्क न्यूज़- कृषि बिल के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है, संसद में पारित तीन कृषि विधेयकों के विरोध में
आज भारतीय किसान यूनियन (BKIU) ने उत्तर प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया, मुजफ्फरनगर
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बहुमत से नशे में थी।
देश की संसद के इतिहास में यह पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना
राकेश टिकैत ने कहा कि देश की संसद के इतिहास में यह पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नादता से संबंधित
तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो इस पर कोई चर्चा हुई और न ही किसी सांसद को इस पर सवाल उठाने का
अधिकार दिया गया, यह भारत में लोकतंत्र पर अध्याय का एक काला दिन है।
900 करोड़ रुपये की बर्बादी
राकेश टिकैत ने कहा कि अगर देश के सांसदों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है, तो मोदी जी महामारी के दौरान
देश की नई संसद बनाकर जनता की आय का 900 करोड़ रुपये क्यों बर्बाद कर रहे हैं, आज देश की सरकार पिछड़े
रास्ते से किसानों का समर्थन करने का अधिकार छीनना चाहती है, जिससे देश के किसान बर्बाद हो जाएंगे।
राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि बाजार के बाहर बाजार की खरीद पर कोई जनादेश नहीं होगा,
सरकार फसल खरीदने से धीरे-धीरे अपना हाथ हटा लेगी, किसान को बाजार सौंपने के अलावा देश की
खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता है, इसके परिणाम पूर्व में विश्व व्यापार संगठन के रूप में भी पाए गए हैं।
किसान यूनियन इस लड़ाई को जोरदार तरीके से लड़ेगी
राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि भारतीय किसान यूनियन इस लड़ाई को जोरदार तरीके से लड़ेगी,
अगर सरकार हठधर्मिता पर अड़ी है तो किसान पीछे नहीं हटने वाला है, 25 तारीख को पूरे देश का किसान इन विधेयकों के
विरोध में सड़क पर उतरेगा, जब तक कोई समझौता नहीं होता है, तब तक पूरे देश का किसान सड़कों पर रहेगा।