न्यूज़- भारत ने अमेरिकी सरकार की उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है जिसमें देश में अल्पसंख्यक समुदायों के साथ भेदभाव और हमलों को लेकर चिंता जताई गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सरकार की तरफ से गुरुवार को इस पर आधिकारिक टिप्पणी की है। उन्होंने साफ किया किया अमेरिका को धार्मिक आजादी पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'भारत के जीवंत लोकतांत्रिक परंपराओं और व्यवहार से दुनिया अच्छी तरह से परिचित है। भारत की सरकार और जनता देश की लोकतांत्रिक परंपराओं पर गर्व करती है। हमारे यहां सार्वजनिक विचार विनिमय की समृद्ध परंपरा है और संवैधानिक संस्थाएं एवं कानून धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा की गारंटी देता है। अमेरिकी विदेश विभाग ने 2019 की अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट प्रकाशित की है जो अमेरिकी संसद की विधायी आवश्यकता के लिए निकाला जाने वाला अमेरिका का आंतरिक दस्तावेज है।' उन्होंने कहा कि भारत का सैद्धांतिक रुख यह है कि हमारे नागरिकों के संविधान की तरफ से मिले अधिकारों के बारे में किसी विदेशी संस्था को कोई टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
अमेरिकी कांग्रेस की तरफ से अंतरराष्ट्रीय धार्मिक आजादी वाली रिपोर्ट को मंजूरी दी गई थी। इसके बाद विदेश मंत्री माइक पोंपेयो की तरफ से इसे रिलीज किया गया था। रिपोर्ट में दुनियाभर में धार्मिक आजादी के उल्लंघन की प्रमुख घटनाओं का जिक्र है। विदेश विभाग ने अपनी रिपोर्ट में भारक पर कहा कि धार्मिक रूप से प्रेरित हत्याओं, हमलों, दंगों, भेदभाव, तोड़फोड़ की खबरें हैं जो अपने धर्म को मानने और उसके बारे में बोलने के अधिकार से रोकती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2008 से 2017 के बीच सांप्रदायिक हिंसा की 7,484 घटनाएं हुई जिनमें 1,100 से अधिक लोग मारे गए।
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