US में भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया कमाल: कोरोना के मरीज का किया लंग्स ट्रांसप्लांट
न्यूज़- कोरोना संकट के बीच भारतीय मूल के डॉक्टर अंकित भरत ने बड़ा कमाल किया है, उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर एक बेहद ही जटिल सर्जरी को अंजाम दिया है, आपको बता दें कि एक महिला के कोरोनावायरस से पूरी तरह फेफड़े खराब हो चुके थे, जिसे रीमूव करके डॉक्टर अंकित ने नए लंग्स लगाए हैं, आपको बता दें कि कोरोना महामारी से जूझ रहे अमेरिका में कोरोना रोगी के फेफड़े ट्रांसप्लांट का यह पहला केस था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला की हालत काफी गंभीर थी और बिना ट्रांसप्लांट के उसे बचाने असंभव था, क्योंकि वो पिछले दो महीनों से दिल और फेफड़ों को चलाने वाले उपकरणों की मदद से ही सांस ले पा रही थी, ऐसे में डॉक्टर अंकित भरत ने फेफड़े ट्रांसप्लांट करके ना केवल महिला को नया जीवन दान दिया बल्कि यह भी साबित कर दिया कि कोरोना से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बचाने के लिए ट्रांसप्लांट ही एक सही विकल्प हो सकता है।
आपको बता दें कि डॉक्टर अंकित भरत का जन्म यूपी के मेरठ में हुआ था, अपनी इस कामयाबी के बारे में बात करते हुए डॉक्टर अंकित ने कहा कि कोरोना की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित व्यक्ति के फेफेड़े होते हैं, जिससे कि बाकी चीजें भी प्रभावित होने लगती हैं, यह धीरे-धीरे किडनी, दिल और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर देती है, पीड़ित महिला के साथ भी यही हुआ था, कोरोना की वजह से उनके दोनों फेफड़े खराब हो चुके थे।
हमारे पास ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं था, हमें ये जल्द से जल्द करना था क्योंकि महिला के फेफड़े खराब होने की वजह से उनका दिल भी फेल होने लगा और उसके बाद दूसरे अंगों को भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल रही थी, इस कारण हमने ये सर्जरी की, जो कि कठिन थी लेकिन हम सफल हुए।
आपको बता दें कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, दुनियाभर में कोरोनावायरस पॉजिटिव मामलों का आंकड़ा 75 लाख के ऊपर जा चुका है, साथ ही 4 लाख 23 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि जबकि 38 लाख 24 हजार से ज्यादा लोगों ने कोरोना से ठीक भी हुए हैं, अमेरिका दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है, जहां 20.66 लाख से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश में एक लाख से ज्यादा लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी हैं लेकिन कोरोना के मरीजों की संख्या की रफ्तार की बात की जाए तो पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी हैं।
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