डेस्क न्यूज – लोकसभा में जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पास हो गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक का राज्य के दर्जे से कोई संबंध नहीं है
और उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा।
इस विधेयक के पास हो जाने के बाद से अब जम्मू-कश्मीर कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा
और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों को अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्रशासित प्रदेशों के कैडर का हिस्सा भी बनाया जाएगा।
साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि जो कांग्रेस की चार पीढ़ी नहीं कर पाई, वह हमने सिर्फ डेढ़ साल में कर दिखाया है।
कांग्रेस पर तंज कसते हुए अमित शाह ने कहा कि जिनको पीढि़यों तक शासन करने का मौका दिया वे अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि हम हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।
यह नरेंद्र मोदी की सरकार है जो देश के लिए फैसले करती है।
इसके अलावा गृहमंत्री ने लोकसभा में कहा कि यहां कहा गया कि
धारा 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे,
उसकी दिशा में क्या किया गया?
धारा 370 हटे हुए 17 महीने हुए और आप हमसे हिसाब मांग रहे हो,
70 साल आपने क्या किया इसका हिसाब लेकर आए हो?
अगर 70 साल ढंग से चलाते तो हमसे हिसाब मांगने का समय ही नहीं आता।
साथ ही अमित शाह ने कांग्रेस पर सवाल करते हुए कहा कि किसके दबाव में धारा 370 को इतने समय तक चालू रखा?
आप 17 महीने में हिसाब मांगते हो, 70 साल तक जब अस्थायी धारा 370 चली उस वक़्त हिसाब क्यों नहीं मांगते थे?
अस्थायी प्रावधान को नहीं उखाड़ा क्योंकि आपको वोट बैंक की राजनीति करनी थी।
इसके अलावा कश्मीर में 4जी सेवाओं के संबंध में अमित शाह ने कहा कि लोकसभा में
असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी इंटरनेट सेवा को विदेशियों के दबाव में लागू किया है।
उन्हें पता नहीं है कि यह संप्रग सरकार नहीं है, जिसका वह समर्थन करते थे।
यह नरेंद्र मोदी की सरकार है जो देश के लिए फैसले करती है।
औवेसी पर भी हमला
सदन में चर्चा के दौरान अमित शाह ने औवेसी पर भी हमला बोला।
अमित शाह ने कहा कि औवेसी अफसरों का भी हिंदू मुस्लिम में विभाजन करते हैं।
एक मुस्लिम अफसर हिंदू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिंदू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या?
उन्होंने कहा कि अफसरों को हिंदू-मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं।
इस दौरान अमित शाह ने लोकसभा सदस्यों से आग्रह करते हुए कहा कि मैं इस सदन को फिर से एक बार कहना चाहता हूं
कि कृपया जम्मू कश्मीर की स्थिति को समझें।
राजनीति करने के लिए कोई ऐसा बयान न दें जिससे जनता गुमराह हो।
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