डेस्क न्यूज़- पुलिस ने अजमेर में रूपनगढ़ के पास जाजोता गांव में हुई ब्लाइंड मर्डर का पर्दाफाश किया हैं। देवर ने सो रही भाभी के साथ अवैध संबंध बनाने की कोशिश की थी। इससे गुस्साए भाई और भाभी ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ की जा रही है।
अजमेर के एसपी जगदीश चंद्र शर्मा के मुताबिक 6 सितंबर को जाजोता निवासी देवराम गुर्जर ने रूपनगढ़ थाने में रिपोर्ट दी, जिसमें वह अपने परिवार के साथ 5 सितंबर को अपने ससुराल अरथ गांव गए थे। 6 सितंबर की सुबह सूचना मिली कि छोटे बेटे लालाराम की हत्या कर दी गई है। इस पर गांव जाजोता वापस आ गए। पता चला कि रात में देवकरण-लक्ष्मण गुर्जर के घर जागरण हुआ था। घर के अन्य लोग वहां गए हुए थे। घर में सबसे बड़ा बेटा नंदराम और लालाराम अकेले थे। देर रात परिजन जागरण से लौटे। सुबह पोता "गिरधारी" जब बाड़े की ओर गया तो उसने लालाराम का शव देखा। उसने परिवार को बताया।
पुलिस ने मौके का मुआयना किया। मौके से कुल्हाड़ी भी बरामद हुई है। पड़ोस में पूछताछ की। मौके पर स्थिति को देखते हुए लालाराम के बड़े भाई नंदराम (40) और भाभी गोरादेवी (35) से पूछताछ की गई। पूछताछ के बाद दोनों ने हत्या की बात कबूल कर ली। रूपनगढ़ एसएचओ कंवरपाल सिंह शेखावत ने बताया कि लालाराम ने रात में अपनी सो रही भाभी के साथ अवैध संबंध बनाने की कोशिश की थी। इस दौरान गोरादेवी जाग गई और आवाज सुनकर भाई नंदराम (40) भी जाग गए।
जब उसने अपने ही भाई लालाराम को ऐसा करते देखा तो पास में पड़े गमछे को उठाकर उससे गला घोंट दिया। लालाराम की मौके पर ही मौत हो गई। बाद में भाई और भाभी ने शव को उठाकर बाड़े में ले जाकर फेंक दिया। किसी को उन पर शक न हो, इसके लिए दोनों ने वहीं पड़ी कुल्हाड़ी से उसकी गर्दन पर वार कर दिया। इसके बाद वह चुपचाप कमरे में जाकर सो गया। सुबह शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके का मुआयना किया और स्थिति का जायजा लिया। पूछताछ में पता चला कि मृतक की पत्नी सुबह चार बजे जागरण से आई थी और सो गई थी।
शव की जांच करने पर पता चला कि स्पर्म लॉस हुआ है। ऐसा या तो फांसी लगाने से होता है या फिर गला घोंटने से, इसलिए पुलिस को लगा कि हत्या पहले की गई है। फिर उसे कुल्हाड़ी से गला रेता गया हैं। जिस कमरे में परिजन मृतक लालाराम के सोने की बात बता रहे थे, उस कमरे के पास के कमरे में भाई-बहन और उनकी बेटी सो रहे थे। लालाराम को कोई वहां से उठा लेता तो कुछ आवाज आती। ऐसे में वे जाग जाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब शव मिला तो पिता और परिवार के अन्य बच्चे दुखी थे, लेकिन भाई नंदराम उदास नहीं लग रहा था। ऐसे में पुलिस को उस पर शक हुआ और पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया।