डेस्क न्यूज़- क्या दो पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (84) और शत्रुघ्न सिन्हा (75) फिर से राष्ट्रीय राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहे हैं? ये सवाल इसलिए उठे क्योंकि हाल के दिनों में दोनों दिग्गजों ने अपने बयानों या अंदाज से राष्ट्रीय राजनीति में तहलका मचा दिया है। यशवंत सिन्हा की बात करें तो वह बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान टीएमसी में शामिल हुए थे। इतना ही नहीं, यह भी चर्चा है कि पार्टी उन्हें राज्यसभा भेज सकती है। वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने भी हाल ही में एक ट्वीट कर पीएम मोदी की तारीफ की थी, जिसके बाद से कयास लगने शुरू हो गए थे कि क्या उनका मन कांग्रेस में भर गया हैं और वो बीजेपी में 'घर वापसी' की सोच रहे हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने 27 जून को एक ट्वीट में लिखा, 'दुनिया में चार तरह के दुखी लोग होते हैं – 1. अपने दु:खों से दु:खी, 2. दूसरों के दु:ख से दु:खी, 3. दूसरों के सुख से दु:खी, और 4. बिना बात खामखां मोदी से दु:खी!' हालांकि, शत्रुघ्न सिन्हा ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ किए हुए ट्वीट पर फौरन सफाई दी। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि उनकी टिप्पणी को हास्य के रूप में लिया जाना चाहिए। कांग्रेस से बीजेपी में जाने की उनकी कोई इच्छा नहीं है। भले ही शत्रुघ्न सिन्हा इस बात से इनकार कर रहे हैं कि उनकी बीजेपी में वापसी नही होगी, लेकिन सियासी गलियारे में उनके बदले हुए तेवर की वजह से चर्चा जरूर शुरू हो गई है।
84 वर्षीय यशवंत सिन्हा भी बीजेपी छोड़ने के बाद से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि, भाजपा से अलग होने के बाद, उन्होंने कई तरीकों से भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को घेरने की योजना बनाई, जैसे कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में नीतीश कुमार और एनडीए के खिलाफ कुछ विपक्षी दलों का मोर्चा बनाने की असफल कोशिश की। हालांकि इसमें उन्हें कोई सफलता नहीं मिली।
इसके बाद यशवंत सिन्हा ने बंगाल चुनाव के दौरान फिर से टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया। उन्होंने खुद टीएमसी की सदस्यता ली। इस चुनाव में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की 294 में से 213 सीटें जीती थीं। जिसके बाद यशवंत सिन्हा एक नया विपक्षी गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। चर्चा है कि ममता बनर्जी टीएमसी की ओर से यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भी भेज सकती हैं। कुल मिलाकर शत्रुघ्न और यशवंत सिन्हा दोनों ही नए सिरे से अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर रहे हैं। देखना होगा कि वे इसमें कितने कामयाब होते हैं।