Madhuri Sonkar
देश के ज्यादातर हिस्से इन दिनों घने धुंध और वायु प्रदूषण की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली से लेकर हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश तक प्रदूषण का असर देखा जा रहा है।
ठंड के समय वायु प्रदूषण ज्यादा बढ़ जाता है। इसकी वजह से लोगों का सांस लेना काफी मुश्किल हो जाता है। लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। प्रदूषण के कारण आंखों में जलन और चुभन की समस्या भी बढ़ती जा रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहना है कि हवा की खराब होती गुणवत्ता संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए गंभीर दुष्प्रभावों वाली हो सकती है। इससे सांस से लेकर हृदय रोग और दीर्घकालिक तौर पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी जोखिम बना रहता है।
राजधानी के ज्यादातर हिस्से इस समय 'सीवियर' कैटेगरी की हवा गुणवत्ता की चपेट में हैं। डॉक्टर ने बताया कि इस तरह के वातावरण में सेहत को ठीक रखने के लिए जरूरी है कि हम सभी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करें, जिससे दूषित हवा के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकें।
आउटडोर प्रदूषण, यानी घर से बाहर दूषित हवा के संपर्क से बचाव के लिए प्रदूषकों को फिल्टर करने के लिए डिजाइन किए गए मास्क का उपयोग करें, एन95 मास्क इसमें काफी मददगार हो सकते हैं। आप सामान्य कपड़े से बने मास्क का भी प्रयोग कर सकते हैं। साथ ही इनडोर प्रदूषण से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है।
प्रदूषण के खतरे से सेहत को सुरक्षित रखने के लिए नियमित व्यायाम जरूरी है। समग्र श्वसन स्वास्थ्य और फेफड़ों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिए नियमित योग-व्यायाम से आपको विशेष लाभ मिल सकता है। इसके साथ स्वस्थ आहार जो एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर हों, उनका सेवन करके आप सेहत को ठीक रख सकते हैं। ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें।