Madhuri Sonkar
सरदार वल्लभभाई पटेल देश के उन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आजादी के बाद बिना किसी जंग के सरदार पटेल ने 565 रियासतों का विलय भारत में करवाया था। यही वजह है कि लोग उन्हें 'लौह पुरुष' कहते हैं। आज यानि 15 दिसंबर को सरदार पटेल की 73वीं पुण्यतिथि मनायी जा रही है।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'ग्रेट सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और देश की एकता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता ने आधुनिक भारत की नींव रखी।
सरदार पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड में 1875 में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बैरिस्टर के तौर पर की और बाद में वह राजनीति में आ गए। वह कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और आजादी की लड़ाई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से एक थे।
सरदार पटेल ने अनेक रैलियां आयोजित करके ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंका। देश को आजादी दिलाने के लिए वह कई बार जेल भी गए, लेकिन उन्होंने इस दौरान अपना हौसला नहीं टूटने दिया।
15 दिसंबर 1950 को बंबई (मुंबई) में दिल का दौरा पड़ने से सरदार पटेल का निधन हो गया। उन्होंने कई साल अपने परिवार से दूर रहकर पढ़ाई की थी सरदार पटेल ने इंग्लैंड जाने से पहले कानून की पढ़ाई की और गोधरा, बोरसाद और आनंद में प्रैक्टिस की।