Deepfake के खिलाफ सरकार जल्द बनायेगी नए नियम, ये होंगे प्रावधान

Madhuri Sonkar

सरकार ‘डीपफेक’ के खिलाफ जल्द नए नियम बनाएगी। डीपफेक वीडियो या फोटो बनाने और होस्ट करने वालों पर जुर्माने का प्रावधान किया जा सकता है।

केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को डीपफेक के मुद्दे पर सोशल मीडिया मंचों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा कि सरकार इस मुद्दे पर सतर्क है। बैठक में रेग्यूलेशन ड्राफ्ट तैयार करने का फैसला किया गया।

वैष्णव ने कहा कि डीपफेक देश के लिए बड़ी चुनौती है। गलत ऑडियो-वीडियो के खिलाफ जल्द कदम उठाने की जरूरत है। बैठक में गूगल, फेसबुक, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया मंचों ने अपने अंतराष्ट्रीय अनुभव साझा किए और खतरे को स्वीकार किया। वैष्णव के मुताबिक रेग्यूलेशन ड्राफ्ट कुछ हफ्तों में तैयार हो जाएगा। इस पर तत्काल काम शुरू किया जा रहा है।

सोशल मीडिया मंचों के साथ अगली बैठक दिसंबर के पहले हफ्ते में होगी। गुरुवार की बैठक में इन मंचों ने सरकार से कहा कि डीपफेक के खिलाफ वे अपने स्तर पर जो कदम उठा सकते हैं, उठाएंगे। सभी मंचों ने डीपफेक का पता लगाने, इससे निपटने, सूचना देने के तंत्र को मजबूत करने व लोगों में जागरूकता बढ़ाने पर सहमति जताई।

डीपफेक वीडियो और फोटो को चेहरे की उम्र, हेयरलाइंस, आइब्रो, आइग्लास बॉर्डर देखकर पहचाना जा सकता है। आंखों और होठों के मूवमेंट से भी डीपफेक वीडियो पहचाना जा सकता है। एआइ जनरेटेड वीडियो और फोटो में हाथ-पैरों की लेंथ एक समान नहीं होती। इससे ऐसे वीडियो को पहचाना जा सकता है।

आईटी एक्ट 2000 के सेक्शन 66-ई के तहत बिना इजाजत किसी की फोटो और वीडियो बनाने पर तीन साल की जेल और दो लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इस नियम के तहत गोपनीयता के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर कार्रवाई हो सकती है। किसी की फोटो बिना इजाजत कैप्चर करना और शेयर करना गोपनीयता का उल्लंघन है।

सेक्शन 67 के तहत सॉफ्टवेयर या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किसी की अश्लील फोटो बनाने और उसे शेयर करने पर तीन साल की जेल और पांच लाख जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसा बार-बार करने पर पांच साल की जेल और 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।