Madhuri Sonkar
मानसून के मौसम में त्वचा सम्बन्धी समस्याएं आम हो जाती है। इस मौसम में दाद, खाज, खुजली, रैशेज़ जैसी कई समस्याएं इस मौसम में सामने आ सकती हैं। शरीर के तापमान के बदलने, हवा में नमी के बढ़ने, ज्यादा पसीना आने, हाइजीन का ध्यान न रखने, किसी प्रकार की एलर्जी के सम्पर्क में आने, किसी रसायन के सम्पर्क में आने आदि से हो सकती हैं।
त्वचा रोग की शुरुआत अक्सर खुजली, जलन आदि लक्षणों से होती है। इसकी शुरुआत होते ही सबसे पहले साबुन, परफ्यूम, डियोडरेंट, बॉडी वॉश जैसे हर केमिकल युक्त साधन का प्रयोग एकदम बंद कर दें। केमिकल एलर्जी या संक्रमण को ट्रिगर कर सकते हैं।
कई बार होता है कि गले मे पहनी चेन, हार या हाथों में पहनी चूड़ियां आदि पसीने और धातु के साथ मिलकर त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन जाती हैं। खासकर आर्टिफिशियल ज्वेलरी के कारण ऐसा हो सकता है। इसलिए त्वचा पर थोड़ी भी समस्या होते ही इन्हें उतार दें।
कॉटन के ऐसे वस्त्र पहने जो पसीने को सोखें और हवा को त्वचा तक पहुंचने दें, उनका ही उपयोग करें। सिंथेटिक कपड़े या जरी, लेस वाले कपड़े त्वचा पर रगड़ पैदा करके पसीने को जमा करते है। इससे मुश्किले बढ़ जाती है। इसलिए इन कपड़ों से बचें और साथ ही ढीले कपड़े पहनें।
जब तक आप त्वचा रोग का इलाज ले रहे हैं तब तक अपने द्वारा प्रयोग में लाई गई हर चीज को अलग रखें और टॉवल-नैपकिन, अंडर गारमेंट्स जैसी चीजों को सबसे अलग धोएं। विशेषकर यदि आपके घर में छोटे बच्चे या बुजुर्ग हैं तो कोशिश करें कि जितना हो सके उनके सीधे संपर्क में आने से बचें।
यह उपाय मुश्किल हो सकता, विशेषकर जब तक इलाज न मिले। लेकिन संक्रमित जगह पर खुजली न करने से आप संक्रमण या एलर्जी के लक्षणों को बढ़ने से रोक सकते हैं। इसलिए कोशिश करें कि खुजली न करें। ऐसी समस्या नाखूनों में मौजूद मैल और गंदगी के साथ मिलकर और भी गंभीर रूप ले सकती है।