Madhuri Sonkar
योगासन मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए लाभकारी है। हालांकि कई बार लोगों के पास सुबह के समय योगाभ्यास का समय नहीं रहता। शाम के वक्त जब कॉलेज या दफ्तर से घर वापस आते हैं तो वह योगासन करना चाहते हैं, लेकिन इस योगासन के समय को लेकर लोगों में बहुत दुविधा है, तो चलिए आपको बताते है।
योग विज्ञान के मुताबिक, दिन को चार भागों में बांटा गया है, ब्रह्म मुहूर्त, सूर्योदय, दोपहर और सूर्यास्त। वैसे तो सुबह के समय योगाभ्यास को सबसे बेहतर समय माना जाता है लेकिन अलग अलग समय पर भी योग कर सकते हैं।
शाम के समय योग करते समय आपको उतनी दिक्कत भी नहीं होती, जितना सुबह के समय होती है। इसका कारण है कि दिनभर आप कई तरह की एक्टिविटी करते हैं, जिससे शरीर का वार्म अप हो जाता है। वार्म अप के बाद योग या व्यायाम करना आसान हो जाता है। इससे रात में अच्छी नींद भी आती है और शरीर अच्छे से डिटॉक्सीफाई हो जाता है।
शाम के समय आसानी से पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास किया जा सकता है। इस योग के अभ्यास से हड्डियों में लचीलापन और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पेट की चर्बी कम करने और पाचन तंत्र को सही रखने के लिए यह योगासन असरदार है।
अनिद्रा व तनाव की समस्या भी दूर होती है। दिन भी दफ्तर पर लगातार कुर्सी पर बैठकर काम करने वाले लोगों की पीठ व रीढ़ की हड्डी को मजबूत करने के लिए पश्चिमोत्तानासन का अभ्यास किया जा सकता है।
दफ्तर में काम करते करते अक्सर लोगों की गर्दन, पीठ, कमर में दर्द होने लगता है। शरीर अकड़ जाता है। वहीं महिलाएं भी दिनभर के काम के बाद थकान व पैरों में दर्द की शिकायत से परेशान हो जाती हैं। ऐसे लोगों के लिए शाम के वक्त त्रिकोणासन का अभ्यास काफी फायदेमंद हो सकता है। पश्चिमोत्तानासन, त्रिकोणासन और उत्तानासन इन योगा का शाम को अभ्यास करें।