Madhuri Sonkar
जनरल रावत ऐसे जांबाज योद्धा थे, जिन्होंने कई दफा दुश्मनों की आंख में आंख डालकर देखा था। उनका जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक सैन्य परिवार में हुआ था।
जनरल रावत को उनकी बहादुरी और कर्तव्यनिष्ठा को देखकर आर्मी चीफ पद से रिटायर होने के बाद उन्हें देश का पहला सीडीएस बनाया गया था। जनरल रावत की दहाड़ सुनकर पाकिस्तान डर गया था।
ये बात है साल 2015 की, जब भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर कुछ आतंकियों का सफाया किया था। इसके बाद सेना ने 2016 में पीओके में घुसकर पाकिस्तान को जवाब दिया। जनरल रावत ने दहाड़ते हुए कहा 'यह वो भारत नहीं है जो बस हमलों की निंदा करे, यह नया भारत है, जो हर भाषा जानता है, सम्मान की भी और बंदूक की भी'।
जनरल रावत का एक और बयान काफी याद किया जाता है। उन्होंने कहा था कि हम एक दोस्ताना आर्मी हैं, लेकिन जब हमें कानून और व्यवस्था बनाने के लिए बुलाया जाता है तो लोगों के हमसे डरना चाहिए।
जनरल रावत ने कश्मीर में पत्थरबाजों को जबरदस्त जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि काश, ये लोग हम पर पत्थर की जगह गोलीबारी कर रहे होते, जो मैं ज्यादा खुश होता। तब कम से कम मैं वो कर पाता जो मैं करना चाहता हूं। उनके इस बयान का मतलब कट्टरपंथी समझ गए और कश्मीर में पत्थरबाजी कम हो गई।
8 दिसंबर 2021 को भारत के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की हेलिकाप्टर दुर्घटना में आकस्मिक मौत हो गई थी और पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी।