जानें सनस्क्रीन में क्यों इस्तेमाल होता है UV और SPF

Madhuri Sonkar

धूप निकले या न निकले सनस्क्रीन लगाना बेहद जरूरी है क्योंकि बरसात में भी सनस्क्रीन की जरूरत पड़ती है. स्किन केयर एक्सपर्ट्स के मुताबिक मौसम कोई भी सनस्क्रीन की जरूरत हमें पड़ती ही है.

मॉनसून भले ही सुहाना होता है लेकिन यह कई सारी समस्याओं और बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है. इसें खांसी, बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया सभी तरह के फिवर है.

क्या आप अपनी त्वचा को हानिकारक UV किरणों से बचाना चाहते हैं. क्योंकि UV किरणों के कारण त्वचा कैंसर, समय से पहले बुढ़ापा, हाइपरपिग्मेंटेशन और कई सारी गंभीर बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है.

अपनी स्किनकेयर रूटीन में सनस्क्रीन को शामिल करना न भूलें. जब आपकी त्वचा को सूरज की हानिकारक UV किरणों से बचाने की बात आती है.  SPF 50 UVA और UVB किरणों दोनों के खिलाफ व्यापक स्पेक्ट्रम सुरक्षा प्रदान करने का वादा करता है.

इसमें एक गैर-चिकना, हल्का फ़ॉर्मूलेशन है जो आपकी त्वचा को मैट फ़िनिश प्रदान करता है. तो, अपनी त्वचा को लंबे समय तक सूरज की क्षति से बचाने आप सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

SPF का मतलब है सन प्रोटेक्शन फैक्टर, इसका मतलब है कि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को UV किरणों से कितनी देर तक सुरक्षित रखेगा. SPF जितना ज़्यादा होगा, सुरक्षा उतनी ही लंबे समय तक रहेगी.