Madhuri Sonkar
आज देशभर में लोहड़ी का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह एक लोकप्रिय पर्व है जिसे खासकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में मनाया जाता है।
मान्यता के अनुसार, लोहड़ी भगवान सूर्य की पूजा का एक त्योहार है। इस दिन लोग सूर्य देव को नए फसलों के लिए धन्यवाद देते हैं और उनकी कृपा की कामना करते हैं।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, लोहड़ी दुल्ला भट्टी की कहानी से जुड़ा हुआ है। दुल्ला भट्टी एक लोकप्रिय योद्धा थे, जिन्होंने लड़कियों की खरीद-बिक्री के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। लोहड़ी के दिन, लोग दुल्ला भट्टी की वीरता और साहस को याद करते हैं।
लोहड़ी के त्योहार को मनाने के लिए, लोग एक विशेष लोहड़ी की आग जलाते हैं। इस आग में गुड़, मूंगफली, रेवड़ी, गजक, पॉपकॉर्न आदि अर्पित किए जाते हैं। लोग आग के चारों ओर नृत्य करते हैं और गीत गाते हैं। लोहड़ी का त्योहार एक खुशी और उत्सव का समय है।
लोहड़ी शब्द में 'ल' का मतलब लकड़ी, 'ओह' से गोहा यानी जलते हुए सूखे उपले और 'ड़ी' का मतलब रेवड़ी से होता है। इसलिए इस पर्व को लोहड़ी कहा जाता है। लोहड़ी के बाद मौसम में परिवर्तन होना शुरू हो जाता है और ठंडक का असर धीरे-धीरे कम होने लगता है।
लोहड़ी के दिन भगवान श्रीकृष्ण, मां आदिशक्ति और अग्निदेव की विशेष रूप से पूजा की जाती है। पूजा करने से लोहड़ी की कृपा हमेशा बनी रहती है और धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती है।