Madhuri Sonkar
गर्मियों में सेहत को लेकर बरती गई जरा भी लापरवाही कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
उच्च तापमान और तेज धूप के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा तो रहता ही है साथ ही गर्मियों में खान-पान को लेकर बरती गई लापरवाही के कारण फूड पॉइजनिंग यानी भोजन विषाक्तता होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
फूड पॉइजनिंग की समस्या मुख्यरूप से ऐसे भोजन खाने से होती है जो किसी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस से संक्रमित होते हैं। जब आप दूषित खाद्य पदार्थ खाते हैं, तो पाचन तंत्र में बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं।
भोजन के रखरखाव में लापरवाही, भोजन पकाते समय स्वच्छता की कमी या फिर बासी चीजें खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान और इसका उपचार किया जाना आवश्यक माना जाता है।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण बीमारी के कारणों के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। सामान्यतौर पर भोजन विषाक्तता के कारण पेट खराब होने, उल्टी आने, दस्त, पेट में दर्द और ऐंठन, शौच से खून आने, बुखार के साथ सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
डॉक्टर कहते हैं, फूड पॉइजनिंग न हो इसके लिए हाथों की साफ-सफाई जरूरी है। खाने से पहले और बाद में हाथ जरूर धोएं। साथ ही फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर ही खाएं। रसोई के बर्तनों को अच्छी तरह साफ करें। कच्चा या अधपका भोजन न खाएं। फ्रिज में भी भोजन को अच्छी तरह से ढककर ही रखें।