Madhuri Sonkar
आर्थराइटिस, जोड़ों में होने वाली बहुत आम सी दिक्कत है, आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा काफी बढ़ जाता है।
डॉक्टर्स कहते हैं, 45 की आयु के बाद महिला और पुरुष दोनों में इस समस्या का जोखिम अधिक देखा जाता रहा है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण कम उम्र के लोगों में भी इसका जोखिम रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र से ही इस समस्या से बचाव के लिए सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया, तापमान में गिरावट के साथ रक्त वाहिकाओं में संकुचन होने लगता है, जिससे जोड़ों में सूजन-कठोरता की दिक्कत हो सकती है। बैरोमीटर दबाव के कारण ठंड के मौसम में गठिया का दर्द अधिक महसूस होता है।
जोड़ों पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। जिन लोगों का वजन अधिक होता है, उनके लिए ये मौसम कई और भी प्रकार की जटिलताओं को बढ़ाने वाला हो सकता है। आर्थराइटिस फाउंडेशन के अनुसार, ठंडा तापमान, दर्द-संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
ठंडा तापमान, दर्द-संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है, इसमें रक्त परिसंचरण भी धीमा हो जाता है जिससे मांसपेशियों में ऐंठन बढ़ जाती है। इस तरह की समस्याओं से बचाव के लिए जरूरी है कि आप ठंड से बचाव करें।
अपने आप को गर्म रखने के लिए टोपी, दस्ताने और स्कार्फ पहनें और इलेक्ट्रिक हीटिंग पैड से जोड़ों की सेकाई करें। जोड़ों की कठोरता को कम करने के लिए हल्के गर्म पानी से स्नान करें और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाये।