Madhuri Sonkar
विश्व पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। पृथ्वी सिर्फ मनुष्यों का ही नहीं, बल्कि करोड़ों जीव जंतुओं और वनस्पतियों का भी घर है।
मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पृथ्वी को कई तरह के नुकसान पहुंचा रहा है। जिसके चलते बाढ़, प्रदूषण, क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वॉर्मिंग जैसी कई समस्याएं देखने को मिल रही हैं। अभी भी अगर इन समस्याओं पर ध्यान न दिया गया, तो आने वाले समय और कई खतरों की वजह बन सकता है।
पृथ्वी दिवस को मनाने का विचार पहली बार 1969 में यूनेस्को सम्मेलन में शांति कार्यकर्ता जॉन मैककोनेल (John McConnell) द्वारा दिया गया था। शुरू में इस दिन को मनाने का उद्देश्य पृथ्वी का सम्मान करना था। 22 अप्रैल, 1970 को सबसे पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका में पृथ्वी दिवस मनाया गया था।
1990 में डेनिस हेस (Denis Hayes ) ने विश्व स्तर पर इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा जिसमें 141 देशों ने भाग लिया। साल 2016 में, पृथ्वी दिवस को जलवायु संरक्षण के लिए समर्पित कर दिया गया। वर्तमान में, पृथ्वी दिवस नेटवर्क 190 देशों में 20,000 साझेदारों और संगठनों में फैला हुआ है।
हर साल वर्ल्ड अर्थ डे को एक थीम के साथ मनाया जाता है। साल 2024 में इसकी थीम है- 'प्लेनेट वर्सेज प्लास्टिक' इस थीम का उद्देश्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करना और उसके ऑप्शन्स की तलाश पर जोर देना है।
पृथ्वी दिवस पर लाखों लोग मिलकर प्रदूषण और उसके खतरा पहुंचाने वाली चीज़ों, वनों की कटाई जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। इस मौके पर दुनियाभर में तरह- तरह के कार्यक्रमों की मदद से लोगों को पर्यावरण से होने वाले खतरों से बारे में बताया जाता है।