Madhuri Sonkar
हर साल 14 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day ) मनाया जाता है। इन दिनों तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। किडनी से जुड़ी समस्याएं इन दिनों लोगों को अपनी चपेट में ले रही हैं। खासकर बच्चे इससे प्रभावित हो रहे हैं।
किडनी की बीमारी के शुरुआती लक्ष्ण में बच्चों में यह चेतावनी कई अलग-अलग रूप में नजर आती हैं, जैसे पेशाब करने की आदतों में बदलाव, बार-बार पेशाब आना, पेशाब कम होना या पेशाब में खून आना।
इसके अलावा बच्चों में सूजन, विशेष रूप से हाथ, पैर या चेहरे में, Fluid Retention के कारण हो सकती है। यह स्थिति अक्सर आंखों के आसपास लगातार सूजन के साथ होती है।
इसके अलावा ऐसे बच्चे जो आमतौर पर स्वस्थ हैं, हाई ब्लड प्रेशर अंतर्निहित किडनी समस्याओं का संकेत हो सकता है। साथ ही कमजोरी, थकावट और विकास की कमी भी गंभीर संकेत हो सकते हैं।
बच्चों को हड्डियों और जोड़ों की समस्याएं जैसे हड्डियों में दर्द या फ्रैक्चर और साथ में एनीमिया, मतली और भूख में कमी हो रही हैं, तो यह किडनी डिस्फंक्शन का संकेत हो सकता है।
सांस लेने में समस्या और खुजली भी किडनी डिजीज के प्रारंभिक चेतावनी संकेत हो सकते हैं। ऐसे में शीघ्र पता लगाने और उचित इलाज की मदद से किडनी की बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है और बच्चे के जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है औऱ डॉक्टर की सलाह जरूर लें।